जीएल बजाज में मेन्टल हेल्थ कोंन्क्लेव का हुआ आयोजन।
जीएल बजाज में मेन्टल हेल्थ कोंन्क्लेव का हुआ आयोजन।
ग्रेटर नॉएडा स्थित जीएल बजाज कॉलेज में आगामी शिक्षण सत्र को ध्यान में रखते हुए छात्रों और शिक्षकों के लिए एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य सम्मलेन का भव्य आयोजन किया गया जिसमें प्रसिद्ध उपदेशक और आध्यात्मिक गुरु गौर गोपाल दास ने भाग लिया। गुरु गोपाल दास, जीएल बजाज के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल, डीआइओएस डॉo धर्मवीर सिंह, बीएसए राहुल पंवार ने दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम की शुरुआत की। सभागार को सम्बोधित करते हुए गोपाल दास ने छात्रों से कहा कि हम हर किसी की कहानी में नायक नहीं हो सकते हैं। ऐसे में सबके लिए अच्छा बनने का दबाव छोड़ दें। यह मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए सबसे जरूरी है। महाभारत का उद्दाहरण देते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण भी शिशुपाल की कहानी में अच्छे नहीं थे। जीवन में अच्छा मार्गदर्शक जरूरी है जिससे हर संकट दूर जाएगा। जब लगे कि हार रहे हैं तो किसी से सहायता लें। महाभारत में अर्जुन से ज्यादा मानसिक द्वंद किसी के सामने नहीं था। उन्होंने धर्म संकट में भगवान श्रीकृष्ण की तरफ देखा और उसके बाद सारी बाधाओं को पार करते हुए विजयी हुए। अपने जीवन में कुछ अच्छे रिश्ते बनाइए, पहचानिए आपके जीवन में कौन श्रीकृष्ण जैसा सारथी हो सकता है। एक अच्छा प्रेरक वक्ता और मार्गदर्शक आपका जीवन बदल सकता है। परेशानी में किसी की मदद लें, मदद से आप हर संकट से निकल जाएंगे। उन्होंने छात्रों से कहा दूसरों के लिए स्वयं को नजर अंदाज न करें, अगर ऐसा कर रहे हैं तो आप जी नहीं रहे है, बल्कि जीते जी रोज मर रहे हैं। लोग क्या सोचेंगे इसकी चिंता लोगों पर छोड़ दीजिए यह भी आप ही सोचेंगे तो वह क्या करेंगे। रोजमर्रा की बातों से मानसिक स्वास्थ्य को समझाते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह हवाई जहाज का टेक आफ और लैंडिंग हमारे हाथ में नहीं होता है। ठीक उसी तरह जन्म और मृत्यु भी हमारे हाथ में नहीं होता है। टेक आफ और लैंडिंग के बीच भी हवाई जहाज सफर में एक समान नहीं रहता है। कभी हवा का तो कभी वर्षा और बादलों का दबाव पड़ता है। ठीक इसी तरह हमारी जीवन यात्रा में तमाम परेशानियां आती है और उन पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता है। जीवन में आगे बढ़ने और खुश रहने के लिए जरूरी है कि हम इन पर फोकस करने की बजाय जो हम कर सकते हैं, उस पर फोकस करें। अपना उदाहरण देते देते हुए बताया कि महाराष्ट्र में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान तीन सेमेस्टर में मै टापर रहा।चौथे सेमेस्टर में चार अंकों के कट जाने से दूसरे स्थान पर आ गया। वो चार अंक मेरे सबसे प्रिय प्रोफसर ने मौखिक परीक्षा में काट दिए थे मैं अंदर से दुखी हो गया था। तब मेरे पिता ने मुझे एक सीख दी कि जो हमारे हाथ में नहीं है उस पर सोचकर समय खराब मत करो वो चार नंबर प्रोफेसर के हाथ में थे लेकिन आगे का जीवन तुम्हारे हाथ में है। स्थिर चीजों की बजाय रचनात्मक चीजों पर फोकस करें। अगर मैं टूट गए होता तो आज इंटरनेट मीडिया पर आठ मिलियन लोग नहीं देख रहे होते। प्रेरक वक्ता गोपाल दास की बातों को छात्र-छात्राओं ने बेहद ध्यान से सुना और अपने सवालों का समाधान भी पाया।
ध्यान से आएगा बदलाव
अगले सत्र के दौरान गौर गोपाल दास ने जीवन में ध्यान को अपनाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने पांच मिनट ध्यान का अभ्यास कराते हुए कहा कि बहुत ज्याद सोचने की आदत बंद करें और रोज पांच मिनट का समय निकालें आंखें बंद कर गहरी सांस लें और छोड़ें और सांस लेते समय सकारात्मक चीजों पर फोकस करें।
मोबाइल की लत को करें कम
जिंदगी में मोबाइल और इंटरनेट मीडिया की लत को कम से कम करने की सलाह देते हुए कहा कि आज यह काम की चीज है। हम इसको छोड़ नहीं सकते हैं, लेकिन इस पर मिलने वाली हर सलाह से बचें। यहां कुछ भी सत्यापित नहीं है। इंटरनेट पर विडियो के जरिए मिली सलाह आपको बीमार कर सकती है। दिन में कुछ समय बिना मोबाइल का रहने के लिए तय करें। मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए सप्ताह में एक दिन डिजिटल उपवास करें।
मानसिक स्वास्थ्य से होता है स्वस्थ समाज का निर्माण:- पंकज अग्रवाल (वाइस चेयरमैन जी एल बजाज)
जीएल बजाज इंस्टीट्यूट के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने कहा स्वस्थ समाज के लिए मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होना जरूरी है। जीवन में बढ़ते तनाव के कारण अवसाद बढ़ रहा है। रिश्तों में खटास पैदा हो रही है। मानसिक स्वास्थ्य से इन सभी समस्याओं को हल किया जा सकता है। जीवन में सकारात्मकता, लक्ष्य और ऊर्जा होनी चाहिए। इस दौरान मैंनेजिंग डायरेक्टर अंशु अग्रवाल, सीईओ कार्तिकेय अग्रवाल निदेशक डॉo मानस कुमार मिश्रा और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।