गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय एवं जिम्स ग्रेटर नोएडा के संयुक्त तत्वाधान में बागपत जिले में मानसिक स्वास्थ्य कैंप का हुआ आयोजन
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय एवं जिम्स ग्रेटर नोएडा के संयुक्त तत्वाधान में बागपत जिले में मानसिक स्वास्थ्य कैंप का हुआ आयोजन
ग्रेटर नोएडा ।गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य विभाग तथा जी.आई.एम.एस के संयुक्त तत्वावधान में, मुख्य चिकित्सा अधिकारी बागपत के सहयोग और बागपत जिले की जिला अधिकारी अस्मिता लाल के निर्देशन में, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, बागपत में दिव्यांगता प्रमाण पत्र शिविर का आयोजन किया गया।इस शिविर में मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए. पी. सिंह, जी.आई.एम.एस. की डॉ. किरण जाखड़, विभाग के संकाय सदस्य डॉ पूजा, डॉ शिप्रा एवं प्रशिक्षु मनोवैज्ञानिकों ने सक्रिय सहभागिता की। सभी सदस्यों ने दिव्यांग बच्चों के मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन में सहयोग प्रदान किया तथा प्रमाण पत्र जारी किए गए, जिससे वे सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें।शिविर में लगभग 30 दिव्यांग बच्चों की जांच की गई, जिनमें सर्वाधिक संख्या बौद्धिक विकलांगता से प्रभावित बच्चों की रही।मूल्यांकन प्रक्रिया के पश्चात गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य विभाग के विद्यार्थियों द्वारा एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसके माध्यम से उपस्थित लोगों को ऑटिज़्म जैसी मानसिक अवस्थाओं के बारे में जागरूक किया गया।कार्यक्रम के दौरान बागपत जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय और जी.आई.एम.एस. की पूरी टीम के प्रति आभार व्यक्त किया गया। साथ ही, जिलाधिकारी महोदया, अस्मिता लाल के द्वारा यह प्रस्ताव रखा गया कि इस प्रकार के शिविर प्रत्येक माह एक निर्धारित तिथि पर जीबीयू एवं जी.आई.एम.एस. के सहयोग से आयोजित किए जाएंगे।इस अवसर पर डॉ. ए. पी. सिंह ने लोगों को अंधविश्वासों से दूर रहकर उपचार से जुड़ने के लिए प्रेरित किया और एक सार्थक नारा दिया।डॉ. किरण जाखड़ ने मानसिक बीमारियों के लक्षणों एवं उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी।कार्यक्रम के समापन पर डॉ. ए. पी. सिंह ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा प्रताप के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही, अधिष्ठाता प्रो. वंदना पांडे एवं विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों के सहयोग के लिए भी धन्यवाद प्रकट किया।उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रकार के शिविर नियमित रूप से आयोजित किए जाते रहेंगे, ताकि मानसिक रोगों एवं विकलांगता से प्रभावित परिवारों को उचित लाभ एवं सहायता प्राप्त हो सके।