कुपोषण पर किए जा रहे सार्थक प्रयास,3 माह में 8 बच्चे हुए कुपोषण से मुक्त । उषा सिंह
कुपोषण पर किए जा रहे सार्थक प्रयास,3 माह में 8 बच्चे हुए कुपोषण से मुक्त । उषा सिंह
शफी मौहम्मद सैफी
बिलासपुर।सरकारी नीतियों में जिस पर जोर देना चाहिए था उसमें मां के स्वास्थ्य, छोटे बच्चों के पोषण और संबंधित जरूरतें जैसे मसले शामिल हैं। कुपोषण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चलता है। मां के कुपोषित होने से बच्चे कुपोषित पैदा होंगे। साथ ही, कुपोषण के लिए मां के गर्भ से लेकर बच्चे के जीवन के पहले 1000 दिन सबसे अहम होते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कुपोषण से लड़ने में छोटे बच्चों और माओं पर ध्यान दिए जाने वाली समझ व्यापक रूप से बांजरपुर ग्राम पंचायत आंगनवाड़ी केन्द्र पर दिखने लगी है। हालांकि कई मसलों पर अभी ध्यान देने की जरूरत है। जैसे पहले 6 महीनों में केवल स्तनपान सुनिश्चित कराना। उक्त बातें बांजरपुर गांव स्थित जेडी कन्वेंट हाईस्कूल परिसर में आयोजित विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में बांजरपुर सरकपुर गांव आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए पौष्टिक आहार पर ग्रामीण महिलाओं को सम्बोधित करते हुए आंगनवाड़ी सुपरवाइजर उषा सिंह ने कहा । उन्होंने बताया बांजरपुर ग्राम पंचायत आंगनवाड़ी केन्द्र पर 30 गर्भवती, 19 धात्री, 104 तीन वर्ष तक के बच्चे व 61 छः वर्ष के बच्चों की सूची दर्ज है । पीछले तीन माह में 12 कुपोषित बच्चों में 8 बच्चों को कुपोषण से मुक्त किया जा चुका है । यह मोटे अनाज व पोषाहार द्वारा बनाई गई सामग्रियों से मुमकिन हुआ है । इस मौके पर रीना भाटी, मुनेशवती, नेमवती, मछला, सविता, रमेश, मुकेश, चमन आदि आंगनवाड़ी व सहायिकाओं के अथक प्रयास से संभव हुआ है । इस दौरान ग्रामीण महिलाओं को पोषाहार व मोटे अनाज से बनाई गई व्यंजनों की सामग्रियों से अवगत कराया गया ।