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इनोवेटिव ग्रुप ऑफ कॉलेज में ज्ञान का महाकुंभ — आईआईएम और आईआईटी से आए विद्वानों ने छात्रों को दी सफलता और आत्मनिर्भर भारत की दिशा 

इनोवेटिव ग्रुप ऑफ कॉलेज में ज्ञान का महाकुंभ — आईआईएम और आईआईटी से आए विद्वानों ने छात्रों को दी सफलता और आत्मनिर्भर भारत की दिशा 

ग्रेटर नोएडा ।इनोवेटिव ग्रुप ऑफ कॉलेज के सेमिनार हॉल में आज ज्ञान, अनुभव और नवाचार का अद्भुत संगम देखने को मिला। अवसर था एकदिवसीय कार्यशाला का, जिसमें देश के प्रतिष्ठित संस्थान — आईआईएम और आईआईटी — से आए विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को तकनीक, रोजगारोन्मुख कौशल और भविष्य की शिक्षा की दिशा से परिचित कराया। कार्यक्रम की शुरुआत एआई एक्सपर्ट पुनरेंदु शेखर (MBA, IIM-Calcutta) के प्रेरक सत्र से हुई। उन्होंने विषय “AI and the Evolution of Knowledge Economy” पर बोलते हुए बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज वैश्विक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे एआई तकनीक को केवल एक टूल नहीं, बल्कि अपने करियर के विस्तार का माध्यम समझें। इसी क्रम में लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मृत्युंजय पांडे ने कहा कि “आधुनिक युग में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को आत्मसात करना अत्यंत आवश्यक है। यदि भारत को विश्वगुरु बनना है, तो उसे अपने स्वयं के डेटा बैंक का निर्माण करना ही पड़ेगा। डेटा ही आने वाले समय का तेल और शक्ति है, और इसका स्वदेशी विकास ही भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाएगा।” उनके इस विचार ने छात्रों और शिक्षकों दोनों में गहरी प्रेरणा का संचार किया।इसके बाद प्रो. नवीन वर्मा (M.Tech., IIT Kanpur) ने विषय “Corporate Expectation: From Campus to Cubicles” पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय में केवल डिग्री पर्याप्त नहीं है, बल्कि व्यवहारिक ज्ञान, टीमवर्क, समय प्रबंधन और प्रोफेशनल एथिक्स ही वास्तविक सफलता के आधार हैं।तीसरे सत्र में दविंदर कौर, CEO, Aurgence ने अपने प्रेरक संवाद में कहा कि कॉर्पोरेट दुनिया में आत्मविश्वास, सकारात्मक दृष्टिकोण और व्यवहारिक कौशल किसी भी व्यक्ति को भीड़ से अलग पहचान दिलाते हैं। उनके अनुभवजन्य विचारों ने विद्यार्थियों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार होने की प्रेरणा दी। अंतिम सत्र में सौरभ सरस्वत, एसोसिएट प्रोफेसर, ICP ने “Good Manufacturing Practices (GMP)” पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने फार्मास्युटिकल उद्योग में गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मानकों और उत्पादन प्रक्रियाओं की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को उद्योग जगत के व्यावहारिक पक्षों से जोड़ा।इस अवसर पर IIET के निदेशक डॉ. अभिन्न बख्शी भटनागर ने कहा कि “आज का युग रोजगार-परक शिक्षा का युग है। विद्यार्थियों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान नहीं, बल्कि उद्योग की वास्तविक आवश्यकताओं को समझना और अपने कौशल को उसी अनुरूप विकसित करना चाहिए। इनोवेटिव ग्रुप द्वारा आयोजित ऐसी कार्यशालाएँ छात्रों को उद्योग से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती हैं।”फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अमरजीत सिंह ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया, वहीं अकादमिक निदेशक डॉ. तितीक्षा शर्मा ने कहा कि “ऐसे आयोजन न केवल छात्रों के ज्ञानवर्धन में सहायक होते हैं, बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए आत्मविश्वास और दिशा भी प्रदान करते हैं।”कार्यक्रम में कॉलेज प्रबंधन से डॉ. के. आर. शर्मा, डॉ. देवाशीष गौड़, ऊषा शर्मा, डॉ. श्रीनिवास मिश्रा, रजिस्ट्रार अंजनी झा सहित सभी शिक्षकगण उपस्थित रहे। कार्यशाला का समापन उत्साह, प्रेरणा और सकारात्मक ऊर्जा से भरे वातावरण में हुआ, जिसने छात्रों में नई सोच, नई दिशा और सफलता के प्रति दृढ़ संकल्प का संचार किया।

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