किसान संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन का ऐलान किया, 25 नवंबर को कलेक्ट्रेट सूरजपुर पर होगा बड़ा प्रदर्शन
किसान संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन का ऐलान किया, 25 नवंबर को कलेक्ट्रेट सूरजपुर पर होगा बड़ा प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में किसान संघर्ष मोर्चा की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में किसानों के लंबित मुद्दों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उपस्थित विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रदेश में लाखों किसान आज भी अपने वैधानिक अधिकारों से वंचित हैं, जबकि प्राधिकरणों की ओर से प्रस्ताव भेजे जाने के बावजूद शासन की चुप्पी किसानों की पीड़ा को और बढ़ाने का काम कर रही है।
प्रेस वार्ता का संचालन करते हुए किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरेन प्रधान ने कहा कि प्रदेश के करीब चार लाख किसान 10% विकसित प्लॉट के अधिकार की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जबकि यह उनका मूल अधिकार है। उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण—तीनों ही जगहों पर लगभग डेढ़-डेढ़ लाख और एक लाख किसान इस लाभ से वंचित हैं। जनवरी 2024 में तीनों प्राधिकरण अपने-अपने बोर्डों में यह प्रस्ताव पारित कर शासन को भेज चुके हैं, मगर अब तक शासन स्तर से अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे किसान ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।वहीं, भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने अधिग्रहित आबादियों की लीज़बैक वापसी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि हाई पावर कमेटी और मुख्यमंत्री द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी ने किसानों की बात को मानते हुए सकारात्मक सिफारिशें की थीं, लेकिन इसके बावजूद हजारों प्रकरण आज भी धूल फांक रहे हैं।नोएडा में 3800, ग्रेटर नोएडा में 854 और यमुना प्राधिकरण में सैकड़ों मामलों को बोर्ड बैठक में रखा तक नहीं गया है। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर जमीन देने वाले किसान आज अपने ही पुश्तैनी घरों को बचाने की जंग लड़ने को मजबूर हैं और किसी भी समय बुलडोज़र गिरने का भय उनके सिर पर मंडरा रहा है।किसान सभा गौतम बुद्ध नगर के जिला अध्यक्ष डॉ. रूपेश वर्मा ने सर्किल रेट संशोधन में हो रही देरी पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जून 2023 में आंदोलन के बाद प्रशासन ने कमेटी तो बना दी, लेकिन 2014 से अब तक सर्किल रेट में कोई संशोधन नहीं किया गया, जबकि बाजार में जमीन का दाम 20,000 रुपये प्रति वर्गमीटर तक पहुँच चुका है। दूसरी तरफ प्राधिकरण किसानों की जमीन मात्र 4,125 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से लेने की कोशिश कर रहा है। नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के लाभ—ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना, शहरी में दो गुना मुआवजा, एक सदस्य को नौकरी और 20% विकसित प्लॉट—आज तक किसानों को लागू नहीं किए गए हैं।किसान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष कुंवरपाल प्रधान ने किसानों पर दर्ज फर्जी मुकदमों और पुलिस-प्रशासन द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न पर कड़ी नाराजगी जताई।प्रेस कॉन्फ़्रेंस में जयप्रकाश आर्य, देवपाल अवाना (एडवोकेट), पवन (एडवोकेट), प्रेमपाल चौहान, सोनू समानिया सहित अनेक किसान नेता मौजूद रहे।सभा के अंत में किसान संघर्ष मोर्चा ने 25 नवंबर को कलेक्ट्रेट सूरजपुर में विशाल महापंचायत करने का आह्वान किया और चेतावनी दी कि यदि किसानों की मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा।



