बच्चों में साँप के काटने के मामलों में समय पर पहचान, एएसवी का शीघ्र उपयोग और उचित चिकित्सीय देखभाल जरूरी,GIMS में सांप से काटे सभी बच्चे अभी तक हुए ठीक
बच्चों में साँप के काटने के मामलों में समय पर पहचान, एएसवी का शीघ्र उपयोग और उचित चिकित्सीय देखभाल जरूरी,GIMS में सांप से काटे सभी बच्चे अभी तक हुए ठीक
ग्रेटर नोएडा ।गवर्नमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (GIMS), ग्रेटर नोएडा के चिकित्सकों की टीम ने बच्चों में साँप के काटने से संबंधित अध्ययन में उत्साहजनक परिणाम दर्ज किए हैं। यह अध्ययन डॉ. रुचिका भटनागर, डॉ. राकेश गुप्ता, डॉ. ब्रजेंद्र सिंह, डॉ. सुजया मुखोपाध्याय और डॉ. संजू यादव द्वारा किया गया। इसमें पाया गया कि समय पर उपचार मिलने पर बच्चों के गंभीर मामलों को भी सफलतापूर्वक संभाला जा सकता है।
जनवरी 2021 से दिसंबर 2022 के बीच किए गए इस अध्ययन में 11 बच्चों (औसत आयु 11.6 वर्ष) को साँप के काटने के बाद भर्ती किया गया। इनमें से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों से थे और ज्यादातर मामलों में मई से अगस्त के बीच घटनाएं हुईं। हाथ-पैर जैसे अंग सबसे सामान्य काटने की जगह रहे। अधिकांश बच्चों में दर्द और सूजन देखी गई, आधे से अधिक में न्यूरोटॉक्सिक लक्षण और कुछ में वास्कुलोटॉक्सिक लक्षण पाए गए।सभी बच्चों को एंटी-स्नेक वेनम (ASV) दिया गया और किसी में भी दुष्प्रभाव नहीं दिखा। चार बच्चों को वेंटिलेटरी सपोर्ट की आवश्यकता पड़ी, परंतु सभी पूरी तरह स्वस्थ हो गए। सबसे अहम बात, इस दौरान किसी भी बच्चे की मृत्यु नहीं हुई। इस बारे में डॉक्टर रुचिका भटनागर का कहना है कि बच्चों में साँप के काटने के मामलों में समय पर पहचान, एएसवी का शीघ्र उपयोग और उचित चिकित्सीय देखभाल से बेहतरीन परिणाम संभव हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि पीड़ित बच्चे समय पर अस्पताल पहुँच सकें।