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जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन परवेसिव कम्प्यूटेशनल टेक्नोलॉजीज (ICPCT-2025) का हुआ सफल आयोजन 

जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन परवेसिव कम्प्यूटेशनल टेक्नोलॉजीज (ICPCT-2025) का हुआ सफल आयोजन 

ग्रेटर नोएडा। जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग) विभाग द्वारा इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन परवेसिव कम्प्यूटेशनल टेक्नोलॉजीज (ICPCT-2025) का आयोजन 8-9 फरवरी 2025 को किया गया। इस कॉन्फ्रेंस में विश्वभर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं एवं उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने भाग लिया और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), क्लाउड कंप्यूटिंग और अन्य उभरती कम्प्यूटेशनल तकनीकों पर अपने विचार साझा किए8 फरवरी 2025 को आयोजित उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में

डॉ. एस. के. सिंह (कुलपति, RTU कोटा) उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों मेंडॉ. विपिन शुक्ला (वैज्ञानिक ‘G’, DSIR) डॉ. मोहम्मद रिहान (महानिदेशक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी),नीलू त्यागी (सीनियर मैनेजर, टेक्नोलॉजी कंसल्टेंट, एक्सेंचर), अतुल कुमार (डायरेक्टर, डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) शामिल हुए।कॉन्फ्रेंस में प्रमुख वक्ताओं में प्रो. अनिल शर्मा (जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली) और प्रो. पी. के. श्रीवास्तव (डीन, स्टूडेंट्स वेलफेयर, REC आज़मगढ़) ने कम्प्यूटेशनल टेक्नोलॉजी के विकासशील परिदृश्य पर चर्चा की। नीलू त्यागी ने AI और मशीन लर्निंग के विभिन्न उद्योगों पर प्रभाव पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. मोहम्मद रिहान ने इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च की भूमिका पर चर्चा की। अतुल कुमार ने नवाचार के लिए AI-संचालित समाधानों का उद्योग परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया, और डॉ. विपिन शुक्ला ने युवा शोधकर्ताओं को परवेसिव कम्प्यूटिंग में नए तरीकों की खोज करने के लिए प्रेरित किया।9 फरवरी 2025 को कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन मशीन लर्निंग एल्गोरिदम, स्वायत्त प्रणालियों में AI, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP), डीप लर्निंग (DL) और न्यूरल नेटवर्क, कंप्यूटर विज़न और इमेज प्रोसेसिंग, AI और अन्य उभरती तकनीकों पर विशेष तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। मुख्य अतिथि, प्रो. एस. एन. सिंह (डायरेक्टर, ABV-IIITM, ग्वालियर) ने कम्प्यूटेशनल लॉजिक पर एक प्रेरणादायक व्याख्यान दिया, जिसमें कंप्यूटिंग के ऐतिहासिक विकास को रेखांकित किया और शोधकर्ताओं को आधुनिक कंप्यूटिंग तकनीकों का उपयोग करके नवाचार विकसित करने के लिए प्रेरित किया।

विशिष्ट अतिथि, सिद्धार्थ पराक (सीनियर इंजीनियरिंग मैनेजर, Medable Inc., USA) ने ह्यूमन-सेंटर्ड AI और इसके दैनिक जीवन में अनुप्रयोगों पर एक रोचक सत्र प्रस्तुत किया, जिसमें बताया कि कैसे AI मानव निर्णय लेने की प्रक्रिया को सक्षम बनाता है। उन्होंने IEEE यंग प्रोफेशनल सत्र भी आयोजित किया, जिससे युवा शोधकर्ताओं को उन्नत अनुसंधान में भाग लेने के लिए प्रेरणा मिली। डॉ. स्मिता शर्मा (चेयर, WIE UP सेक्शन IEEE एवं प्रोफेसर, NIELIT दिल्ली) ने भी कम्प्यूटेशनल एडवांसमेंट और इंटरडिसिप्लिनरी कोलैबोरेशन पर मूल्यवान जानकारी साझा की।

श्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार (Best Paper Awards)

उत्कृष्ट शोध योगदान को सम्मानित करने के लिए श्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार सुधिक्षा श्रीवास्तव (BBDIT, लखनऊ), डॉ. मीनाक्षी तोमर (सहायक प्रोफेसर, MSIT, दिल्ली), डॉ. गिन्नी अरोड़ा (एसोसिएट प्रोफेसर, मानव रचना IIRS, फरीदाबाद) को दिए गए।

समापन सत्र में कॉन्फ्रेंस चेयर डॉ. नरेश कुमार (HOD, CSE-AIML), डॉ. शशांक अवस्थी (डीन, स्ट्रेटजी) और कॉन्फ्रेंस संयोजक डॉ. संतोष श्रीवास्तव ने सभी वक्ताओं, पैनलिस्टों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में हुई चर्चाएँ और सहयोग भविष्य की परवेसिव कम्प्यूटेशनल तकनीकों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।इस अवसर पर आयोजन समिति, संकाय सदस्यों और छात्र स्वयंसेवकों को कार्यक्रम के सुचारू संचालन में उनके योगदान के लिए सराहा गया। इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन परवेसिव कम्प्यूटेशनल टेक्नोलॉजीज (ICPCT-2025) सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसने कम्प्यूटेशनल टेक्नोलॉजी में नए विचारों और नवाचारों को प्रेरित करने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान किया।

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