किसानों को केसीसी के लाभों और कृषि मंत्रालय की विभिन्न हालिया पहलों के बारे में दी जानकारी
किसानों को केसीसी के लाभों और कृषि मंत्रालय की विभिन्न हालिया पहलों के बारे में दी जानकारी
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अवर सचिव अनिल कुमार मीणा के नेतृत्व में मंत्रालय और सीएससी के अन्य प्रतिनिधि शामिल थे, जैसे पल्लवी माली, सुमित सोनी, आलोक प्रजापति, प्रिया, जेनिफर, भावनी, कीर्ति, मुकेश सैनी (प्रबंधक-सीएससी एसपीवी) और विशोम त्यागी (प्रबंधक-सीएससी एसपीवी), जिन्होंने किसानों को केसीसी के लाभों और कृषि मंत्रालय की विभिन्न हालिया पहलों के बारे में जानकारी दी। जितेंद्र सोलंकी और सुभाष नागर ने 7 महिला किसानों सहित 23 किसानों को मोबाइल एप्लिकेशन पर पंजीकृत किया। इस ऐप की मदद से किसान सीधे अपने मोबाइल फोन से केसीसी लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, सीएससी, कृषि सखियों और बैंकिंग संवाददाताओं के माध्यम से भी सहायता उपलब्ध कराई गई है
जिससे डिजिटल साक्षरता की कमी वाले किसान भी इस सुविधा का लाभ उठा सकें।तकनीक के उपयोग से सरकार न केवल ग्रामीण ऋण की उपलब्धता को बढ़ा रही है, बल्कि किसानों को वित्तीय स्वतंत्रता भी प्रदान कर रही है। जैसे-जैसे यह पहल देशभर में लागू होगी, इसका प्रभावी क्रियान्वयन भारत में कृषि वित्तपोषण की प्रणाली को पुनः परिभाषित करेगा, जिससे समय पर और सस्ता लोन उन लोगों तक पहुंच सके जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।किसानों को सस्ता और आसान ऋण उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार की नई डिजिटल पहल केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत के अन्नदाता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे सरकार की कृषि विकास और उत्पादकता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है। कृषि को दस प्रमुख विकासात्मक क्षेत्रों में शामिल किया गया है, जो भारत की आर्थिक प्रगति को गति देने वाला एक महत्वपूर्ण इंजन है।आर्थिक सर्वेक्षण 2024 के अनुसार, वर्तमान में भारत में 7.75 करोड़ सक्रिय किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) खाते हैं। अल्पकालिक ऋण आवश्यकताओं को पूरा करके, केसीसी योजना ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।