किडनी कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी, बढ़ा हुआ वज़न और धूम्रपान बड़ी वजह
किडनी कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी, बढ़ा हुआ वज़न और धूम्रपान बड़ी वजह
ओपीडी में आने वाले मामलों में तीन से चार फ़ीसदी मामले किडनी कैंसर के
समय रहते जांच और सही जीवनशैली से बच सकते हैं कई मरीज़
ग्रेटर नोएडा। एनसीआर में किडनी की समस्याओं से जूझने वाले लोगों की संख्या पर बढ़ रही है। इसमें सबसे अधिक किडनी कैंसर के मामले चिंताजनक हैं। बीते कुछ सालों में किडनी कैंसर के मामलों में इज़ाफ़ा देखा जा रहा है। फोर्टिस ग्रेटर नोएडा में नेफ्रोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. संकेत किशोर पाटिल के मुताबिक़ इसके पीछे सबसे बड़ी वजह धूम्रपान और बढ़ता मोटापा है। जैसे-जैसे लोगों में अनियंत्रित वज़न और तंबाकू के सेवन चलन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे किडनी कैंसर के मरीज़ों की गिनती भी बढ़ रही है। फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के ओपीडी में हर महीने जितने कैंसर के नए मामले पकड़ में आते हैं, उनमें करीब 3 से 4 प्रतिशत किडनी कैंसर के होते हैं। पहले ये बीमारी ज़्यादातर बुज़ुर्गों में देखी जाती थी लेकिन अब बदलती जीवनशैली की वजह से 40 के आसपास की उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। पुरुषों में इसके होने की संभावना महिलाओं से लगभग दोगुनी रहती है।डॉक्टरों का कहना है कि अगर लोग वज़न काबू में रखें, तंबाकू और सिगरेट से दूरी बनाएँ, बीपी पर निगरानी रखें और खाने में हरी सब्ज़ियाँ और फल खाएं तो किडनी कैंसर से बचाव में काफी मदद मिलती है।बढ़ती उम्र के साथ अगर किसी को बिना वजह वज़न घटने लगे, कमर के पास दर्द बना रहे या पेशाब में खून दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ, ताकि बीमारी शुरुआती दौर में ही पकड़ में आ जाए।फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के डॉ. संकेत किशोर पाटिल ने बताया कि वज़न को कंट्रोल में रखें, तंबाकू से दूर रहें, फल-सब्ज़ियाँ ज़्यादा खाएँ और ब्लड प्रेशर सही रखें। छोटी-छोटी सावधानियाँ बड़ा खतरा टाल सकती हैं। अगर किसी तरह के लक्षण दिखें तो देरी न करें, फौरन जांच करवाएँ।