विगत वर्षों में भूमि अधिग्रहण कानूनों की आत्मा और मूलभावना को तोड-मरोड कर, किसानों को छला गया। धीरेंद्र सिंह
विगत वर्षों में भूमि अधिग्रहण कानूनों की आत्मा और मूलभावना को तोड-मरोड कर, किसानों को छला गया। धीरेंद्र सिंह
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। व्यवस्थापिका द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन करवाना कार्यपालिका का कर्तव्य है, चुने हुए प्रतिनिधि संसद और विधानसभाओं के माध्यम से, ऐसे नियम और कानून बनाते हैं, जिससे जनता का कल्याण हो सके। उस कानून की मूल भावना क्या है और जनता को फायदा पहुंचाने के लिए किस रूप में इसे लागू किया जाना है, यह कार्यपालिका की जिम्मेदारी है उपरोक्त विचार जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने व्यक्त किए। उत्तर प्रदेश शासन औद्योगिक एंव अवस्थापना के अपर मुख्य सचिव एंव राजस्व परिषद के अध्यक्ष को लिखे गए अपने पत्र में जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि “Land is not just a source of income but also a part of farmers identity and social status. Losing land can lead to a loss of status and power within the community.”जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि *’’विगत वर्षों में संज्ञान में आया है कि भूमि अधिग्रहण कानूनों की आत्मा और मूलभावना को तोड-मरोड कर, किसानों को छला जाता रहा है, क्योंकि तत्कालीन सरकारें किसान के नाम पर जमीनों की लूट करती थीं, अपनी और अपने मित्रों की तिजौरियां भरती थी, जिनके अनेकों ऐसे मामले, इस जनपद के नोएडा व ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में देखे जा सकते हैं, लेकिन आज देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करिश्माई नेतृत्व में आगे बढ रहा है और समाज के सभी वर्गों को, इस विकास में भागीदारी मिल सके, इस नीयत के साथ देश और प्रदेश को आगे बढाने की योजनाएं बनाई जा रही हैं। उनका क्रियान्वयन सही हो और कानून सम्मत अधिकार, सभी को मिल सके, यह दायित्व कार्यपालिका का है। संलग्न किए जा रहे पत्र की छायाप्रति आयुक्त मेरठ मंडल और तीनों प्राधिकरणों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के साथ-साथ जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर को भी इस लिए प्रेषित की गयी है, जिससे भविष्य में किसानों के साथ कोई हकतल्फी न हो सके और राजस्व परिषद के अध्यक्ष के नेतृत्व में हो रही बैठक में लिए जाने वाले निर्णय किसानों के पक्ष में हों। सुलभ संदर्भ हेतु भेजे गए पत्र के सभी बिंदुओं को इस प्रेस विज्ञप्ति के साथ संलग्न किया जा रहा है।