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शाहबेरी में सड़क चौड़ा करने में बाधा बन रहे अवैध रैंप को ग्रेनो प्राधिकरण ने तोड़ा

शाहबेरी में सड़क चौड़ा करने में बाधा बन रहे अवैध रैंप को ग्रेनो प्राधिकरण ने तोड़ा

ट्रैफिक जाम से राहत के लिए रोड को चौड़ा करा रहा प्राधिकरण

अब तक 50 फीसदी से अधिक काम हुआ, 20 दिन और लगेंगे

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। शाहबेरी में ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए सड़क चौड़ीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। प्राधिकरण की टीम ने बुधवार को सड़क चौड़ा करने की राह में बाधा बन रहीं दुकानों के अवैध रैंप को तोड़ दिया है। प्राधिकरण रोड चौड़ीकरण का कार्य जल्द पूरा कराने के प्रयास में जुटा है।दरअसल, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व गाजियाबाद के बीच सफर करने वाले हजारों वाहन रोजाना शाहबेरी बाजार होकर गुजरते हैं। रास्ता संकरा होने के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ट्रैफिक जाम से लोगों को राहत दिलाने के लिए शाहबेरी रोड को चौड़ा करने के निर्देश दिए। परियोजना विभाग की वर्क सर्किल एक की टीम ने टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर रोड चौड़ीकरण का काम शुरू करा दिया। अब तक 50 फीसदी से अधिक कार्य हो चुका है। ट्रैफिक डायवर्जन की समस्या को देखते हुए इस कार्य को शीघ्र पूरा कराने की कोशिश है। शाहबेरी रोड चौड़ा करने के साथ ही नाली का भी निर्माण किया जा रहा है। दोनों तरफ लगभग डेढ़-डेढ़ मीटर रोड को चौड़ा किया जा रहा है। कुछ दूरी में रोड की चौड़ाई लगभग ढाई मीटर तक हो जाएगी। इस कार्य में लगभग 4 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। इस बीच रोड चौड़ीकरण कार्य में दुकानों के अवैध रैंप आड़े आ रहे थे। प्राधिकरण के परियोजना विभाग के वर्क सर्किल एक के प्रभारी वरिष्ठ प्रबंधक रतिक, प्रबंधक नितीश कुमार व अभिषेक सिंह व सहायक प्रबंधक भूपेंद्र त्यागी की टीम ने बुधवार को दुकानों के अवैध रैंप को तोड़ दिया। डायवर्जन से लोगों की परेशानी को देखते हुए प्राधिकरण इस कार्य शीघ्र पूरा कराने के लिए प्रयासरत है। एसीईओ प्रेरणा सिंह नियमित मॉनिटरिंग कर रहीं है। महाप्रबंधक परियोजना एके सिंह भी मौके पर नियमित रूप से निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं, एनएच-24 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक मूर्ति गोलचक्कर तक भविष्य में भी ट्रैफिक की समस्या न हो, इसके लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एलिवेटेड रोड बनवाना चाह रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की विगत बोर्ड बैठक में इस पर मंजूरी भी मिल चुकी है। इस पर नोएडा और यीडा समेत अन्य विभागों से सहमति पर बातचीत चल रही है।

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