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शारदा विश्वविद्यालय स्मार्ट टेक्नोलॉजी और सतत विकास पर वैश्विक सम्मेलन का हुआ आयोजन

शारदा विश्वविद्यालय स्मार्ट टेक्नोलॉजी और सतत विकास पर वैश्विक सम्मेलन का हुआ आयोजन

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इमर्जिंग स्मार्ट टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट का आयोजन का शुभारंभ हुआ। यह सम्मेलन सोसाइटी ऑफ़ इंक्लूसिव रिसर्च फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट ,शिबानी इकोनॉमिक एजुकेशनल डेवलपमेंट फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में शुरू किया गया है, जिसमें स्प्रिंगर नॉलेज पार्टनर के रूप में सहयोग कर रहा है। सम्मेलन का उद्देश्य शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, उद्योग जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं को एक साझा मंच पर लाना। इस दौरान शोधकर्ताओं ने 200 शोधपत्र प्रस्तुत किए।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ आरके खंडाल, पूर्व कुलपति, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, एडिशनल सीपी अजय कुमार, बिजेता मोहंती, मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल प्रो चांसलर वाईके गुप्ता, वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा और बर्नाली खारा, सिबानी फाउंडेशन की अध्यक्ष ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। सम्मेलन में डॉ आरके खंडाल, पूर्व कुलपति, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय ने कहा कि स्मार्ट टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, वित्त, वाणिज्य, शासन, कृषि और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं और सेवाओं को वितरित करने के साधन प्रदान करते हैं। वे गरीबी और भुखमरी को कम करने, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, नई नौकरियां पैदा करने, जलवायु परिवर्तन को कम करने, ऊर्जा दक्षता में सुधार करने और शहरों और समुदायों को अधिक टिकाऊ बनाने में मदद कर सकते हैं। इस तकनीकी प्रवृत्ति का प्राथमिक तरीका जीवन को बदलना है, जो डेटा का उपयोग करके अनुकूलन करने की इसकी क्षमता है। सूचना से लैस, स्मार्ट तकनीक पैटर्न को पहचानने और उसके अनुसार प्रतिक्रियाओं को बदलने में सक्षम है। यह यह निर्धारित करने के लिए डेटा का विश्लेषण करने में भी सक्षम है कि क्या समान परिणाम प्राप्त करने का कोई तेज़, अधिक कुशल तरीका है। कार्यक्रम में एडिशनल सीपी अजय कुमार ने कहा कि स्मार्ट तकनीक अवसर और चुनौतियाँ दोनों प्रदान करती है। हमारे जीवन को बेहतर बनाने की इसकी क्षमता निर्विवाद है, लेकिन हमें सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए और डेटा गोपनीयता, सुरक्षा और सामाजिक प्रभाव से जुड़े जोखिमों को संबोधित करना चाहिए। नवाचार और जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाकर, हम अधिक कुशल, टिकाऊ और न्यायसंगत भविष्य बनाने के लिए स्मार्ट तकनीक की शक्ति का उपयोग कर सकते हैं। स्मार्ट टेक्नोलॉजी और सतत विकास तभी हो सकता है जब अपराधी अपराध करने से पहले पकड़ा जाए। विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर वाईके गुप्ता ने कहा कि स्मार्ट टेक्नोलॉजी और सतत विकास किस तरह किया जाए जो आम नागरिक और देश का फायदा हो सके इस पर जोर दिया जाना चाहिए। इसके लिए हमें एकजुट होकर आगे बढना होगा। सभी क्षेत्रों में नई तकनीक इस्तेमाल हो रहा है लेकिन सबसे अच्छी तकनीक कौन सी है वो देखना होगा। स्मार्ट कंट्री के लिए नई तकनीक को अपनाना होगा। शारदा विश्वविद्यालय हमेशा से ही नई तकनीक पर जोर देती है। जिससे हमारे छात्रों को बाहर जाकर कोई परेशानी न हो और देश के लिए कुछ अच्छा कर सके। इस दौरान डॉ रामजी प्रसाद प्रो वाइस चांसलर डॉ परमानंद, डॉ आरसी सिंह, डॉ पल्लवी गुप्ता, डॉ अजीत कुमार समेत विभिन्न विभागों के डीन और एचओडी मौजूद रहे।

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