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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने मनाया 18वां स्थापना दिवस

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने मनाया 18वां स्थापना दिवस

“किसी संस्थान की उन्नति इस बात पर निर्भर करती है कि इसे जुड़े लोग कितने ओजस्वी , कर्मठ, प्रतिभाशाली और दूरदर्शी है”- आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी, कुलाधिपति जीबीयू , मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश 

ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने अपने 18वें स्थापना दिवस का भव्य आयोजन मुख्य प्रेक्षागृह में किया। समारोह में शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, प्रशासनिक अधिकारियों, संकाय सदस्यों, छात्रों और कर्मचारियों की उपस्थिति ने इसे विशेष बना दिया। यह अवसर न केवल विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि भविष्य की दिशा में उसके संकल्पों का पुनः स्मरण भी।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति का संदेश

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने भी वीडियो संदेश भेजकर विश्वविद्यालय के प्रयासों और उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा “ ये विश्वविद्यालय का सौभाग्य है की इसे अनुभवी शिक्षाविदों, दृढ़-प्रतिज्ञ कर्मचारियों और मेधावी छात्रों का सानिध्य प्राप्त हुआ है जिसका परिणाम है की विश्वविद्यालय ने शिक्षा और शोध में नए कीर्तिमान बनाये हैं । विश्वविद्यालय ने भारतीय ज्ञान प्रणाली के साथ आधुनिक शिक्षा व्यवस्था को बहुत अच्छा अपनाया है। विश्वविद्यालय के कुलपति , शिक्षाविद , कर्मचारी और विश्वविद्यालय जुड़े सभी लोग इसके लिए बधाई के पात्र है । “

दीप प्रज्ज्वलन और बुद्ध वंदना से हुआ शुभारंभ:

कार्यक्रम की शुरुआत बुद्ध वंदना एवं मंत्रोच्चार के साथ हुई, जिसके बाद दीप प्रज्ज्वलन ने पूरे सभागार को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया।

विशिष्ट अतिथियों का संदेश :

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की 17 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने शिक्षा, अनुसंधान, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में निरंतर प्रगति की है और आने वाले समय में यह संस्था “विकसित भारत” के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. के. के. अग्रवाल, प्रेसिडें साउथ एशियन यूनिवेसिटी , न्यू दिल्ली ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय की प्रगति को स्थापना काल से देखा है। उन्होंने कहा “प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए “विकसित भारत” के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय, युवाओं को कौशल और ज्ञान के साथ-साथ निरंतर विकास की दिशा में कार्यरत है ।विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल और केवल छात्रों का सर्वांगीण विकास है । खेल और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी छात्रों के व्यक्तित्व निर्माण में उतनी ही अहम हैं जितनी शैक्षणिक उपलब्धियाँ।

कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ ऑनर श्री आर. के. माथुर, डॉ. जी. सतीश रेड्डी और डॉ. समीर कामत भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन तीनों ने अपने-अपने वीडियो संदेश के माध्यम से विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी। उन्होंने अनुसंधान, नवाचार, और राष्ट्र निर्माण में विश्वविद्यालय की भूमिका की सराहना की।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियाँ हुईं, जिनमें विश्वविद्यालय के छात्रों एवं कथक केंद्र दिल्ली से आए कलाकारों, मालविका पंडित , आकाश द्विवेदी ने अपनी प्रतिभा और विविधता का शानदार प्रदर्शन किया। इन प्रस्तुतियों ने समारोह को उत्सव का रूप दे दिया। कार्यक्रम के समापन पर रजिस्ट्रार डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का यह 17 वर्ष का सफर सभी की संयुक्त प्रतिबद्धता और प्रयासों का परिणाम है।मंच संचालन और समन्वय का कार्य डॉ. मंजरी और डॉ. रिया ने सफलतापूर्वक निभाया। उनकी सरस और सुव्यवस्थित प्रस्तुति ने कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बना दिया। कार्यक्रम में सभी अधिष्ठातागण , संकाय सदस्य , कर्मचारीगण एवं भारी संख्या में छात्र मौजूद थे ।

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