गलगोटिया विश्वविद्यालय के बी.टेक सीएसई छात्र ने माइक्रोसॉफ्ट में ₹60 लाख का पैकेज किया हासिल
गलगोटिया विश्वविद्यालय के बी.टेक सीएसई छात्र ने माइक्रोसॉफ्ट में ₹60 लाख का पैकेज किया हासिल

ग्रेटर नोएडा।गलगोटिया विश्वविद्यालय के बी.टेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (बैच 2027) के छात्र देवांश बजाज के लिए माइक्रोसॉफ्ट में ₹60 लाख वार्षिक पैकेज प्राप्त करना केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि जिज्ञासा, निरंतरता और संरचित मार्गदर्शन किस तरह असाधारण परिणाम दे सकते हैं। एक उत्साही विद्यार्थी से लेकर दुनिया की सबसे नवाचारी तकनीकी कंपनी में स्थान पाने तक की उनकी यात्रा यह सिद्ध करती है कि उद्योग-केंद्रित शिक्षा, जो अकादमिक उत्कृष्टता को व्यवहारिक अनुभव से जोड़ती है, किस तरह सफलता की दिशा तय करती है।जब जिज्ञासा बनी अवसर की राह
देवांश की तकनीक के प्रति रुचि बचपन से ही शुरू हो गई थी, जब वे यह समझना चाहते थे कि सॉफ्टवेयर किस तरह रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बना सकता है। गलगोटिया विश्वविद्यालय में इस जिज्ञासा को दिशा मिली — जहां परिणाम-उन्मुख पाठ्यक्रम, कोडिंग-प्रधान संस्कृति और नवाचार को प्रोत्साहित करने वाला माहौल उन्हें अपने जुनून को विशेषज्ञता में बदलने का अवसर देता रहा। कंप्यूटर साइंस चुनना उनके लिए केवल एक डिग्री का चयन नहीं, बल्कि आधुनिक तकनीक की तर्कशक्ति, रचनात्मकता और संरचना को गहराई से समझने का निर्णय था।गलगोटिया में अध्ययन के दौरान देवांश ने केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि ऐसे कौशल विकसित किए जो वैश्विक उद्योग मानकों के अनुरूप हैं। डेटा स्ट्रक्चर्स और एल्गोरिदम (डीएसए), प्रतिस्पर्धी प्रोग्रामिंग सत्रों और प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण के माध्यम से उन्होंने समस्या-समाधान की वह क्षमता विकसित की जो उच्चस्तरीय तकनीकी भूमिकाओं के लिए आवश्यक होती है।
हैकाथॉन, कोडिंग प्रतियोगिताओं और नवाचार परियोजनाओं में भाग लेने से उनकी विश्लेषणात्मक सोच और समाधान-निर्माण की क्षमता और निखरी। देवांश कहते हैं, “हर प्रोजेक्ट या कोडिंग प्रतियोगिता मेरे लिए खुद को परखने, सीखने और आगे बढ़ने का अवसर थी। यहां का माहौल आपको अपनी सीमाओं से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।”देवांश की सफलता की विशेषता यह है कि गलगोटिया विश्वविद्यालय में तैयारी बहुत पहले से शुरू हो जाती है। करियर प्लानिंग एंड डेवलपमेंट डिवीजन (सीपीडीडी ) और समर्पित फैकल्टी मेंटर्स छात्रों को मॉक इंटरव्यू, तकनीकी कार्यशालाओं और मेंटरशिप कार्यक्रमों के माध्यम से निरंतर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, जिससे उनका तकनीकी ज्ञान और आत्मविश्वास दोनों मजबूत होते हैं।माइक्रोसॉफ्ट में इंटर्नशिप, जिसमें उन्हें ₹1,00,000 मासिक वजीफा मिला, उनके लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हुई। इस अनुभव ने उन्हें कक्षा में सीखी बातों को वास्तविक तकनीकी प्रणालियों पर लागू करने और वैश्विक कार्यसंस्कृति को समझने का अवसर दिया, जिसने आगे चलकर उनके फुल-टाइम चयन का मार्ग प्रशस्त किया।देवांश की उपलब्धि कोई एकाकी उदाहरण नहीं है, बल्कि यह गलगोटिया विश्वविद्यालय की उस व्यापक सफलता कथा का हिस्सा है, जो उद्योग-अनुकूल शिक्षा प्रणाली पर आधारित है। विश्वविद्यालय का फोकस अनुभव-आधारित शिक्षण, कोडिंग उत्कृष्टता और बहु-विषयक सहयोग पर है, जिससे विद्यार्थी विश्व की शीर्ष कंपनियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।गलगोटिया विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा, “देवांश की सफलता हमारे उस संकल्प को और मजबूत करती है, जिसके तहत हम भविष्य के लिए तैयार पेशेवरों को विकसित कर रहे हैं। गलगोटिया में हम ऐसा इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं, जहां महत्वाकांक्षा अवसर से मिलती है और नवाचार प्रभाव पैदा करता है।”



