गलगोटियास विश्वविद्यालय ने हालिया नवाचारों पर जैव चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य सेवा में स्थायी विकास के लिए तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICBSH) का हुआ आयोजन।
गलगोटियास विश्वविद्यालय ने हालिया नवाचारों पर जैव चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य सेवा में स्थायी विकास के लिए तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICBSH) का हुआ आयोजन।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। गलगोटियास विश्वविद्यालय ने जैव चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य सेवा की में स्थायी विकास पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICBSH) का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य नवाचार और शोध को बढ़ावा देना था, जिसमें दुनिया भर के लगभग 60 विशेषज्ञ वक्ताओं और प्रमुख भारतीय वैज्ञानिकों ने भाग लिया। सम्मेलन ने वैश्विक और भारतीय शोधकर्ताओं के साथ संवाद और सहयोग के अवसर प्रदान किए, जिससे छात्रों को विश्वस्तरीय शोध अनुभव प्राप्त हुआ।प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वक्ता सम्मेलन में जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, नाइजीरिया, ब्राजील और स्वीडन जैसे देशों के अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं ने हिस्सा लिया। साथ ही, भारतीय वैज्ञानिकों और संस्थानों जैसे आईआईटी बीएचयू, एमएनएनआईटी इलाहाबाद, जामिया हमदर्द, एनईएचयू शिलांग और एनआईपीईआर अहमदाबाद के प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।सम्मेलन की प्रमुख गतिविधियाँ कुल 215 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया और 50 पोस्टरों की प्रस्तुति हुई। सम्मेलन के तीन दिनों के दौरान 32 ऑनलाइन प्रस्तुतियाँ की गईं, जिनमें डॉक्टोरल और पोस्ट-डॉक्टोरल स्कॉलर्स, क्लिनिशियंस, और फैकल्टीज ने भाग लिया।सम्मेलन के पहले दिन की मुख्य गतिविधियों में प्रो. जगत के. रॉय का ‘ड्रॉसोफिला में रैब 11 का कार्यात्मक विश्लेषण’ पर प्रमुख वक्ता व्याख्यान और बायोमेडिकल विज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी तथा पोषण विज्ञान पर 50 पोस्टरों की प्रस्तुति शामिल थी।दूसरे दिन, मुख्य अतिथि प्रो. एन. के. गांगुली के उद्घाटन भाषण के साथ तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ। जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के प्रमुख वक्ताओं ने स्वास्थ्य सेवा,कर्क्यूमिन-नैनोपार्टिकल्स, और आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिए।सम्मान और पुरस्कार सम्मेलन के दौरान प्रो. एन. के. गांगुली और प्रो. जगत कुमार रॉय को उनके जीवनभर के योगदान के लिए ‘जीवन भर की उपलब्धि पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार डॉ. अंगमुथु सेल्वापंडियन और प्रो. रवि प्रकाश तिवारी को प्रदान किए गए, जबकि डॉ. संध्या को उत्कृष्ट समाजसेवी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।निष्कर्ष सम्मेलन के समापन सत्र में सर्वश्रेष्ठ मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों के लिए कुल 12 और 9 पुरस्कार प्रदान किए गए। इस सम्मेलन ने चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में स्थायी विकास के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और भविष्य में नवाचार और शोध के लिए प्रेरणा दी।सम्मेलन ने नवाचार, शोध और वैश्विक सहयोग के अवसर प्रदान किए, जिससे छात्रों और शोधकर्ताओं को अत्यधिक लाभ हुआ।डॉ. ध्रुव गलगोटिया, गलगोटिया विश्वविद्यालय के सीईओ, ने खुशी जताई कि विश्वविद्यालय “बायोमेडिकल साइंस और हेल्थकेयर में सतत विकास के लिए नवीनतम नवाचार” पर पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2024 का सफल आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के जरिए प्राप्त अंतर्दृष्टि और सहयोग जीवन में महत्वपूर्ण सुधार लाने में सहायक होंगे। डॉ. गलगोटिया ने प्रतिभागियों की सराहना की और विश्वास जताया कि यह आयोजन नवाचार और अनुसंधान में नई दिशा देगा, जो सभी के लिए एक बेहतर भविष्य के लिये योगदान करेगा।गलगोटियास विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर, डॉ. के. मल्लिखार्जुन बाबू ने “बायोमेडिकल साइंस और स्वास्थ्य देखभाल में हालिया नवाचारों के लिए सतत विकास (ICBSH)-2024” अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। यह आयोजन 2-4 सितंबर 2024 को विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बायोमेडिकल साइंसेज और अन्य संस्थानों द्वारा किया गया, जिसे ANRF और भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का समर्थन प्राप्त था। उन्होंने इस सम्मेलन को बायोमेडिकल अनुसंधान और स्वास्थ्य देखभाल के उभरते क्षेत्रों में ज्ञान और रणनीतियाँ साझा करने का उत्कृष्ट मंच बताया, साथ ही सभी मुख्य वक्ताओं, समीक्षकों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।