ईपीसीएच ने हांगकांग मेगा शो 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व किया, एक प्रमुख सोर्सिंग गंतव्य के रूप में भारत की ओर ध्यान खींचा
ईपीसीएच ने हांगकांग मेगा शो 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व किया, एक प्रमुख सोर्सिंग गंतव्य के रूप में भारत की ओर ध्यान खींचा
नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने, हांगकांग के हांगकांग कन्वेंशन ऐंड एक्जीबिशन सेंटर में 20 से 23 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित किए गए हांगकांग मेगा शो में एक एक्सक्लूसिव पवेलियन स्थापित किया। इस मेले में सहभागिता ने, विभिन्न हस्तशिल्प उत्पादों के लिए एक प्रमुख ग्लोबल सोर्सिंग डेस्टिनेशन (ग्लोबल सोर्सिंग गंतव्य) के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत बनाया। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि इस भागीदारी ने विविध हस्तशिल्प उत्पादों के लिए एक प्रमुख वैश्विक स्रोत गंतव्य के रूप में भारत की स्थिति को रेखांकित किया। भारतीय मंडप का उद्घाटन हांगकांग में भारत की कार्यवाहक महावाणिज्य दूत सुरभि गोयल ने हांगकांग में भारत के महावाणिज्य दूत (वाणिज्यिक) अमन अग्रवाल; भारत सरकार के डी.सी. (हथकरघा) कार्यालय के उप निदेशक अशोक कुमार वर्मा; ईपीसीएच के उप निदेशक सुशील कुमार अग्रवाल, तथा भाग लेने वाले सदस्य निर्यातकों, कुशल शिल्पियों और मेला आयोजक के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया। उद्घाटन के दौरान सुरभि गोयल ने भारतीय हस्तशिल्प को विश्व बाजारों में लाने और देश से हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के लिए परिषद के प्रयासों की प्रशंसा की और सदस्य प्रतिभागियों के साथ भी बातचीत की और मास्टर शिल्पकारों के किए जा रहे लाइव शिल्प प्रदर्शनों में खास रुचि दिखाई। ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा, हांगकांग मेगा शो एशियाई उत्पादों के लिए एक प्रमुख मार्केटिंग प्लेटफॉर्म और सोर्सिंग हब है। इस मेगा शो का यह 32वां संस्करण है, जहां एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों से गिफ्ट और प्रीमियम उत्पादों, हाउसवेयर, लाइफस्टाइल उत्पाद, खिलौने, त्योहारों की आपूर्ति, और खेल के सामानों की एक विस्तृत कड़ी प्रदर्शित की गई। डॉ. खन्ना ने आगे बताया कि “ईपीसीएच प्रदर्शनी के दौरान एक रोड शो भी आयोजित कर रहा है और आगामी आईएचजीएफ दिल्ली फेयर स्प्रिंग 2026 को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों के साथ सीधे जुड़ रहा है। ये पहल हस्तशिल्प, फर्नीचर और जीवन शैली उत्पादों के लिए एक अग्रणी सोर्सिंग गंतव्य के रूप में भारत की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार की गई हैं, जबकि आईएचजीएफ दिल्ली मेले को दुनिया के सबसे बड़े और सबसे भरोसेमंद सोर्सिंग प्लेटफार्मों में से एक के रूप में मजबूत किया जा रहा है।” ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि परिषद ने, हांगकांग मेगा शो में 7 सदस्य निर्यातकों के साथ भाग लिया, जिसमें चुनिंदा भारतीय हस्तशिल्पों और विशेष उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, इनमें आर्ट मेटलवेयर, होम टेक्सटाइल, होम फर्निशिंग, लेदर प्रॉडक्ट, क्रिसमस उत्पाद, किचन एक्सेसरीज इत्यादि शामिल हैं। श्री आर. के. वर्मा ये भी बताया कि ईपीसीएच ने एक्सक्लूसिव पवेलियन भी स्थापित किया, जहां मास्टर शिल्पकारों ने भारतीय पारंपरिक शिल्प का लाइव प्रदर्शन किया। इस लाइव प्रदर्शन के लिए हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय की ओर से शज़ार स्टोन क्राफ्ट, बांदा, उत्तर प्रदेश; पट्टचित्र, ओडिशा और सिक्की कला, दिल्ली के तीन मास्टर शिल्पकार नियुक्त किए गए। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि और होम, लाइफस्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर और फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज प्रॉडक्ट के उत्पादन में लगे क्राफ्ट क्लस्टर के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड इमेज बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन डॉलर) रहा।