डॉ. (ब्रिग.) राकेश गुप्ता ( निदेशक, जीआईएमएस) को सर्वश्रेष्ठ मेडिकल रिसर्च संस्थान निदेशक के रूप में किया गया सम्मानित।
डॉ. (ब्रिग.) राकेश गुप्ता ( निदेशक, जीआईएमएस) को सर्वश्रेष्ठ मेडिकल रिसर्च संस्थान निदेशक के रूप में किया गया सम्मानित।
जीआईएमएस, ग्रेटर नोएडा ने आईएसडीआरआईएस 2025 शिखर सम्मेलन, नई दिल्ली में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन।
ग्रेटर नोएडा/नई दिल्ली।गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जीआईएमएस), ग्रेटर नोएडा ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल स्किल डेवलपमेंट एंड रिसर्च इनोवेशन समिट (ISDRIS 2025) में सक्रिय रूप से भाग लिया।कार्यक्रम की शुरुआत जीआईएमएस के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रवि कुमार चौधरी के स्वागत संबोधन से हुई। इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ. (ब्रिग.) राकेश गुप्ता, निदेशक, जीआईएमएस ने की, जिन्होंने कौशल विकास, अनुसंधान नवाचार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) व उभरती तकनीकों के एकीकरण में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने नवाचार, उद्यमिता और अनुसंधान के व्यावसायीकरण को प्रोत्साहित करने के महत्व को भी रेखांकित किया।
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अनुसंधान और नवाचार में उत्कृष्टता के लिए जीआईएमएस को सम्मान
कार्यक्रम के दौरान प्रथम आईएसडीसी इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड्स प्रदान किए गए, जिनमें डॉ. (ब्रिग.) राकेश गुप्ता ( निदेशक, जीआईएमएस) को सर्वश्रेष्ठ मेडिकल रिसर्च संस्थान निदेशक के रूप में सम्मानित किया गया। आईएमएस को सर्वश्रेष्ठ मेडिकल रिसर्च संस्थान पुरस्कार प्रदान किया गया। डॉ. विवेक गुप्ता (प्रमुख, अनुसंधान एवं विकास, जीआईएमएस) को सर्वश्रेष्ठ बायोमेडिकल शोधकर्ता पुरस्कार से नवाजा गया।इसके अतिरिक्त, जीआईएमएस के छात्रों ने पोस्टर प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता में भी भाग लिया। आयुष जोशी और दिव्यांश सक्सेना (बैच 2022) ने अपना शोध प्रस्तुत किया, जिसमें दिव्यांश सक्सेना को प्रथम पोस्टर पुरस्कार प्राप्त हुआ।’वैश्विक विचार नेतृत्व के लिए अनुसंधान सहयोग और नवाचार को आगे बढ़ाना’ विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे: प्रो. शंदर अहमद (जेएनयू); प्रो. संजय शर्मा (जीबीयू); डॉ. विवेक गुप्ता (जीआईएमएस); डॉ. राकेश सरोज (जेएनयू); डॉ. दिनेश कुमार (निफटेम); डॉ. प्रीति सक्सेना (साउथ एशियन यूनिवर्सिटी)।इस चर्चा का संचालन जीआईएमएस के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रवि कुमार चौधरी ने किया, जिसमें अंतःविषय और अनुप्रयुक्त अनुसंधान, वित्तीय सहायता के अवसर, वैश्विक अनुसंधान सहयोग, और ज्ञान साझाकरण में मुक्त पहुंच प्लेटफार्मों की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचारविमर्श किया गया। इसके अतिरिक्त, मुकेश कुमार (जीआईएमएस) ने एक अन्य विचारोत्तेजक पैनल चर्चा में योगदान दिया।प्रो. गोयल का मानना है कि हमें नीडोनॉमिक्स (Needonomics) दृष्टिकोण से अपने अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास रणनीतियों को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है।ISDRIS 2025 शिखर सम्मेलन एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है- एक ऐसा युग, जहां भारत एक ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में नैतिक, आवश्यक-आधारित नवाचार के माध्यम से विश्व का नेतृत्व करेगा। जीआईएमएस ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे अनुसंधान, नवाचार और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया।कार्यक्रम का समापन डॉ. रवि कुमार चौधरी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का उनके बहुमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।