दहेज एक अभिशाप है,समाज में दहेज प्रथा एक कुरीति। चैनपाल प्रधान
दहेज एक अभिशाप है,समाज में दहेज प्रथा एक कुरीति। चैनपाल प्रधान
ग्रेटर नोएडा ।दहेज एक अभिशाप है,इस बारे में चैनपाल प्रधान कहते हैं कि समाज में दहेज प्रथा एक कुरीति है जिस मे समाज के प्रबुद्ध लोग बुद्धिजीवी व समाजसेवी जन जागरण अभियान के द्वारा समाज में जागरूकता बेटा और बेटी में सामान्य व्यवहार शिक्षा व आत्मनिर्भता पर जोर और सीमित लोगों में शादी कार्यक्रम संपन्न हो। दहेज लेना और देना दोनो ही कुरुति है और मानव मात्र के लिए दहेज अशांति का कारण है…हर बेटी की यही मंशा होती है कि , उसको एक अच्छा परिवार मिले , जो उसकी हर जरूरत को पूरी कर सके , और उसे वैसा ही प्यार सम्मान अपने ससुराल में मिले , लेकिन अधिकतर घरों में ऐसा नही होता है , शादी में दहेज लेने की व देने की बड़ी डिमांड कर के अपने घर मे भी और लड़की के घर मे भी अशांति व चिंता का माहौल पैदा कर देते है , जिसके कारण कई बेटियों को आत्म हत्या करनी पड़ती है कई को मार दिया जाता है , कई परिवारों का , कई व्यक्तियों का जीवन नरक हो जाता है ..कोर्ट कचहरियों में धक्के खा रहे होते है , मेरा मानना है की जब इस तरह की किसी परिवार में घटना हो तो दहेज लेने वाले व दहेज देने वालो पर भी मुकदमा पंजीकृत हो