GautambudhnagarGreater noida news

श्री द्रोणाचार्य पी.जी. कॉलेज, दनकौर में विज्ञान विभाग के द्वारा किया गया वाद-विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन 

श्री द्रोणाचार्य पी.जी. कॉलेज, दनकौर में विज्ञान विभाग के द्वारा किया गया वाद-विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन 

ग्रेटर नोएडा ।श्री द्रोणाचार्य पी.जी. कॉलेज, दनकौर में विज्ञान विभाग द्वारा दिनांक 10.09.2025 को “विज्ञान : वरदान और अभिशाप” विषय पर एक वाद–विवाद प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय के विज्ञान विभाग के विभिन्न कक्षाओं के छात्र–छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने–अपने विचार प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने जहाँ एक ओर विज्ञान के चमत्कारों और मानव जीवन में उसके लाभों को उजागर किया, वहीं दूसरी ओर इसके दुष्प्रभावों और दुरुपयोग पर भी गहन विचार–विमर्श किया। प्रतियोगिता के दौरान छात्रों ने कहा कि विज्ञान यदि सही दिशा में प्रयोग किया जाए तो यह मानवता के लिए वरदान है, किंतु इसका गलत उपयोग अभिशाप बन सकता है।

प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में शशि नागर, विभागाध्यक्ष, बी .सी . ए संकाय उपस्थित रही । कार्यक्रम के समन्वयक एवं मंच संचालक अमित नागर, विभागाध्यक्ष, विज्ञान विभाग एवं अध्यक्षता उपप्राचार्या डॉ. रश्मि गुप्ता ने की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि यदि मानव जाति सीमाओं के अंदर बिना प्रकृति को नुकसान पहुंचाए विज्ञान का प्रयोग करे तो विज्ञान वरदान है अन्यथा सीमाओं से परे होने के पश्चात यही विज्ञान अभिशाप बन जाता है।

वाद–विवाद प्रतियोगिता में विज्ञान के वरदान के पक्ष में—

प्रथम स्थान: अनम खान, बी.एससी.- प्रथम वर्ष;

द्वितीय स्थान: सना, बी.एससी.- तृतीय वर्ष;

तृतीय स्थान: शाज़िया, बी.एससी. तृतीय- वर्ष

वहीं विज्ञान एक अभिशाप (विपक्ष) पक्ष से

प्रथम स्थान: रॉबिन खान बी.एससी. द्वितीय -वर्ष; द्वितीय स्थान: निशा नागर बी.एससी.- तृतीय -वर्ष;

तृतीय स्थान: कुमकुम भाटी, बी.एससी. तृतीय- वर्ष ने प्राप्त किया ।इस अवसर पर निर्णायक मंडल ने प्रतिभागियों के तर्क–वितर्क की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों की बौद्धिक क्षमता एवं चिंतन–शक्ति को बढ़ाते हैं। विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।विभाग के प्रोफेसरों द्वारा भी इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये तथा अंत में उपप्राचार्या ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ छात्रों को जागरूक, रचनात्मक एवं तार्किक बनाती हैं। साथ इस अवसर पर डॉo रेशा,महीपाल सिंह, कुo चारु , डॉ० अनुज भडाना एवं समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे ।

Related Articles

Back to top button