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नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा ‘सेग्यू 2.0’ ग्लोबल डिज़ाइन थिंकिंग चैलेंज का आयोजन हुआ सम्पन्न
नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा ‘सेग्यू 2.0’ ग्लोबल डिज़ाइन थिंकिंग चैलेंज का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। दो दिवसीय कार्यक्रम, सेग्यू 2.0: ग्लोबल डिज़ाइन थिंकिंग चैलेंज का ग्रैंड फिनाले , 28 अक्टूबर को एनआईईटी, ग्रेटर नोएडा परिसर में संपन्न हुआ। निरंतर 36 घंटे चला यह डिज़ाइन थिंकिंग चैलेंज सभी प्रतिभागियों के लिए सीखने का एक बेहतरीन अनुभव रहा। क्रिटिकल थिंकिंग,डिसीजन मेकिंग,टीमवर्क,टाइम मैनेजमेंट,रिसोर्स मैनेजमेंट, इफेक्टिव कम्युनिकेशन,मोटिवेशन तथा कॉन्फिडेंस आदि स्किल्स को सीखने के लिए यह डिजाइन थिंकिंग चैलेंज एक मील का पत्थर साबित हुआ l साथ ही साथ विभिन्न क्षेत्रों जैसे इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, डिजाइन तथा उद्योग जगत से आई विभिन्न टीमों ने इस बात को साबित किया की इन्नोवेटिव सॉल्यूशंस के लिए इंट्रडिसीप्लिनरी अप्रोच का अपना ही महत्व है । सेग्यू 2.0 के समापन समारोह के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव, प्रोफेसर राजीव कुमार थे। एनआईईटी परिसर में उनके आगमन पर संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. ओ. पी. अग्रवाल तथा संस्थान के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
अपने संबोधन में प्रो. राजीव कुमार ने कहा कि पर्यावरण को बचाना हमारा कर्तव्य है और सस्टेनेबिलिटी ही इसका एकमात्र समाधान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें संसाधनों को बर्बाद न करने की आदत डालनी होगी। अपने समबोधन कोआगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा की सेग्यू 2.0 प्रतियोगिता केवल पुरस्कारों के बारे में नहीं थी; यह डिज़ाइन थिंकिंग और समस्या-समाधान की संस्कृति को बढ़ावा देने के बारे में एक पहल है। इस प्रतियोगिता में एआईसीटीई की भागीदारी भारतीय शिक्षा परिदृश्य में इस तरह की पहल के महत्व को और उजागर करती है। उन्होंने विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को सम्मानित किया और यह जानकर खुशी जताई कि कुल 300 से अधिक टीमों ने इस प्रतियोगिता मेंअपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए, जिनमें से सबसे उत्कृष्ट 30 टीमों ने ग्रैंड फिनाले में छह लाख की पुरस्कार राशि के लिए प्रतिस्पर्धा की।
संस्थान की अतिरिक्त प्रबंध निदेशक डॉ. नीमा अग्रवाल ने भी दर्शकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लगातार विकसित हो रही दुनिया में मल्टीडिसीप्लिनरी समाधानों की बढ़ती आवश्यकता की प्रतिक्रिया के रूप में सेग्यू 2.0 का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता के लिए एनआईईटी, ग्रेटर नोएडा, एआईसीईटी और स्कूल ऑफ फ्यूचर स्किल्स के बीच साझेदारी युवाओं की प्रतिभा को पोषित करने और उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस कार्यक्रम में संस्थान के ईवीपी डॉ. रमन बत्रा भी उपस्थित थे। अपने संबोधन में उन्होंने इस सहयोगात्मक प्रयास के लिए उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “सेग्यू 2.0 साझेदारी की शक्ति और शिक्षा में इनोवेशन के महत्व का उदाहरण देता है।” उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि छात्रों के पास जटिल वैश्विक मुद्दों को हल करने की कुंजी है और इस प्रतियोगिता का उद्देश्य उन्हें ऐसा करने के लिए मंच प्रदान करना था।” उन्होंने यह भी कहा कि सभी प्रतिभागियों के लिए यह आयोजन समाप्त नहीं हुआ है, वास्तव में यह स्टार्टअप और इनोवेशन की दिशा में सिर्फ शुरुआत और पहला कदम है। उन्होंने उन प्रतिभागियों को हर तरह की सहायता प्रदान करने का वादा किया जो एनआईईटी के टीबीआई में अपनी कंपनियों को स्थापित करना चाहते हैं।
उत्साह और घबराहट की मिश्रित भावनाओं से भरे सभागार में,तालिया की गड़गड़ाहट के बीच विजेताओं की घोषणा की गई। इम्पैक्टफुल श्रेणी में पहला पुरस्कार एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की टीम सिनर्जिस्ट्स ने जीता, जिन्होंने 9वें लक्ष्य: उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे पर परियोजना प्रस्तुत की। टीम का नेतृत्व रेवंत कुमार जी ने किया। इसी श्रेणी में दूसरा पुरस्कार कर्मवीर भाऊराव पाटिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, सतारा की टीम द क्वाड स्क्वाड ने जीता। टीम ने लक्ष्य 7: किफायती और स्वच्छ ऊर्जा पर परियोजना प्रस्तुत की और इसका नेतृत्व अमन अतुल देशमुख ने किया। तीसरा पुरस्कार नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की टीम लक्ष्य को दिया गया, जिन्होंने लक्ष्य 4: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर काम किया। टीम का नेतृत्व सार्थक अवस्थी ने किया। इंक्लूजिविटी श्रेणी में, द नर्ड्स!! एनआईईटी , ग्रा. नोएडा ने प्रथम पुरस्कार जीता। उन्होंने लक्ष्य 16: शांति, न्याय और मजबूत संस्थानों के लिए अपना समाधान प्रस्तुत किया। टीम का नेतृत्व हिमांशु सिंह कर रहे थे। इस श्रेणी में दूसरा पुरस्कार अभय अरोड़ा के नेतृत्व में वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी), चेन्नई के थ्री मस्किटियर्स ने जीता। उन्होंने लक्ष्य 4: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया। टीम रॉयल मावेरिक्स, मेप्को श्लेन्क इंजीनियरिंग कॉलेज, शिवकाशी ने लक्ष्य 7: किफायती और स्वच्छ ऊर्जा के साथ तीसरा पुरस्कार जीता। इसका नेतृत्व ध्रुन कुमार जी ने किया। इनोवेशन श्रेणी में, आर. वी. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बेंगलुरु, कर्नाटक से PHYTOfilFOG प्रथम विजेता था। उन्होंने लक्ष्य 6: स्वच्छ जल और स्वच्छता पर परियोजना प्रस्तुत की। टीम का नेतृत्व नागाश्री एन ने किया। दूसरा पुरस्कार एनआईईटी, ग्रेटर नोएडा के आकाश दीप की अध्यक्षता वाली मुमकिड्ज़ को दिया गया। टीम ने लक्ष्य 3: अच्छा स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए काम किया। कर्पगम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की टीम प्रोजेक्ट एचएआई ने तीसरा पुरस्कार जीता। उन्होंने लक्ष्य 9: उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे पर समाधान प्रस्तुत किया। इसका नेतृत्व श्रीरागव जी ने किया।
श्री रामकृष्णन, उपाध्यक्ष, इंटेलेक्ट डिज़ाइन एरेना लिमिटेड और प्रिंसिपल कंसल्टेंट, स्कूल ऑफ़ डिज़ाइन थिंकिंग भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिन प्रतिभागियों द्वारा प्रदान किए गए विचारों, नवाचार, चुनौतियों और अभिनव समाधानों से भरे हुए थे। इस तरह के अभिनव आयोजन का हिस्सा बनना एक बड़ा सम्मान था। संस्थान के निदेशक डॉ. विनोद एम कापसे ने स्वागत भाषण दिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम थिंकिंग बियॉन्ड आइडिएशन की सोच के साथ आयोजित किया गया है। इस आयोजन का उद्देश्य 17 एसडीजी लक्ष्यों को संबोधित करके वास्तविक समय की समस्याओं को हल करने के लिए भारत के नौजवानों को चुनौती देना था। उन्होंने सभी विजेता टीमों को बधाई भी दी। उन्होंने यह भी बताया की कार्यक्रम के पहले दिन संस्थान परिसर में एआर वीआर लैब का उद्घाटन प्रोफेसर जेपी पांडे,माननीय कुलपतिएपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की रिपोर्ट डॉ. प्रियंका चंदानी ने प्रस्तुत की।