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अस्तौली में 300 टीपीडी बायो सीएनजी प्लांट का निर्माण शुरू,गीले कूड़े के निस्तारण में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बड़ी पहल 

अस्तौली में 300 टीपीडी बायो सीएनजी प्लांट का निर्माण शुरू,गीले कूड़े के निस्तारण में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बड़ी पहल 

कूड़े से बायो सीएनजी गैस बनेगी, प्राधिकरण को आमदनी भी होगी

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में प्राधिकरण ने बड़ी पहल की है। ग्रेटर नोएडा गीले कूड़े को निस्तारित करने के लिए प्राधिकरण ने रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी को बायो सीएनजी प्लांट बनाने के लिए अस्तौली में लगभग 11.5 एकड़ जमीन लीज पर दे दी है। जमीन पर पजेशन भी दे दिया है। रिलायंस बायो एनर्जी ने शुक्रवार से प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर प्राधिकरण की तरफ से 300 टन रोजाना गीले कूड़े को प्रोसेस करने के लिए आरएफपी निकाला गया था। रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी ने भी इसमें हिस्सा लिया। आरएफपी के जरिए रिलायंस बायो एनर्जी को सितंबर 2024 में इस प्रोजेक्ट को बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई और मार्च 2025 में इसका एग्रीमेंट किया गया। ग्रेटर नोएडा के अस्तौली गांव में लगभग 11.5 एकड़ जमीन रिलायंस एनर्जी को 25 वर्ष के लिए लीज पर दी गई है।प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि रिलायंस बायो एनर्जी इस प्लांट पर गीले कूड़े को प्रोसेस कर बायो सीएनजी गैस बनाएगी, जो कि वाहनों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल हो सकेगा। साथ ही कूड़े को प्रोसेस करने के एवज में प्राधिकरण को 225 रुपये प्रति टन की रॉयल्टी मिलेगी। 300 टन प्रतिदिन कूड़े को प्रोसेस करने के लिए प्राधिकरण को कोई खर्चा भी नहीं करना पड़ेगा। यह प्लांट डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार का कहना है कि बायो सीएनजी प्लांट के लगने से ग्रेटर नोएडा में गीले कूड़े को प्रोसेस करने की समस्या हल हो जाएगी। इससे ईंधन भी मिलेगा और प्राधिकरण को आमदनी भी होगी।

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