GautambudhnagarGreater Noida AuthorityGreater noida news

एयरपोर्ट के दूसरे और तीसरे चरण में अवैध बने भूखंडों पर किए निर्माण का नहीं मिलेगा मुआवजा। 3000 किसानों को दिया गया नोटिस,पूर्व में ली गई सेटेलाइट इमेज के अनुसार मिलेगा मुआवजा।

एयरपोर्ट के दूसरे और तीसरे चरण में अवैध बने भूखंडों पर किए निर्माण का नहीं मिलेगा मुआवजा।

3000 किसानों को दिया गया नोटिस,पूर्व में ली गई सेटेलाइट इमेज के अनुसार मिलेगा मुआवजा।

विस्थापीत होने वाले किसानों को दिया जाता है बने हुए मकान का मुआवजा।

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास दूसरे और तीसरे चरण की जमीन अधिग्रहण मैं स्थापित किसानों को भूखंड पर बने मकान के एवज में मिलने वाले मुवावजे की रकम पर गांव वासी कर रहे हैं बड़ा खेल। आच्छादित भूखंड के विस्थापन के लिए मिलने वाले पैसे पर ग्रामीणों ने पीडब्ल्यू के अधिकारियों की मिली भगत से हेरा फेरी कर बनाई बड़ी-बड़ी फाइल। और आच्छादित भूखंड की नापतोल के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से मिलकर नए टीन शैडो को बनवाकर नाप तोल कराई गई है। जबकि 6 महीने पहले विस्थापित भूखंडों के सेटेलाइट इमेज में दिए जाने वाले मुआवजा की रकम अब हो 7 गुणी गई है।शासन के पास जब इतनी बड़ी रकम की फाइल पहुंची तो शासन ने फिर से जांच के आदेश दिए। कयोकि शासन को अब 2700 करोड़ देने पड़ सकते हैं। पीडब्ल्यूडी और किसानों के इस खेल में शासन को लगेगा बड़ा चुना। दोबारा जांच में प्रशासन की टीम ने ऐसे 3000 हजार घरों को चिन्हित कर नोटिस जारी किया है।जेवर एयरपोर्ट में दूसरे में तीसरे चरण की जमीन का अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है इस अधिग्रहण होने वाले क्षेत्र में 6 गांव की जमीन को शासन के द्वारा अधिग्रहित किया जाएगा अधिग्रहित गांव को दूसरी जगह भी विस्थापन किया जाएगा शासन की नीति के अनुसार जिन गांवों को विस्थापित किया जाएगा उन गांव में सभी घरों को आच्छादित भूखंड मानकर उसके एवज में प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से पैसा दिया जाता है और विस्थापन के लिए ₹500000 मलवा चार्ज भी दिया जाता है जिससे किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और आसानी से अपने घरों को प्राधिकरण द्वारा दिए गए भूखंड पर स्थापित कर सकें मगर ग्रामवासी और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने मिली भगत कर किसानों से टीन सेड के मकान बनवा डालें और अच्छादित भूखंड की श्रेणी में लाकर उनका भी मुआवजा की राशि बना दी गई। जिसमें लेनदेन का काफी बड़ा खेल किया गया इससे अब शासन को काफी भारी नुकसान हो सकता है।समय रहते यदि उचित कार्रवाई नहीं की गई तो शासन को इस आवाज में 7 गुना पैसा देना पड़ सकता है इस बारे में ओएसडी शेलेंद्र
का कहना है कि सैटेलाइट इमेज के द्वारा जो पहले इमेज ली गई थी इस इमेज के आधार पर किसानों की आच्छादित भूखंड की माप के तहत ही मुआवजे का वितरण किया जाएगा जिन किसानों ने अब अलग से घर बनाई है उनका पैसा नहीं दिया जाएगा इस बाबत प्रशासन की तरफ से 3000 किसानों को नोटिस दिया जा चुका है जिससे कि किसी तरह का विरोध ना हो सके और कायरा किसानों को मूल अच्छा अधिक भूखंड का ही मुआवजा वितरित किया जा सके

Related Articles

Back to top button