जी डी गोयंका पब्लिक स्कूल, स्वर्ण नगरी ग्रेटर नोएडा के कक्षा 9 के छात्रों ने दिल्ली स्थित जंतर-मंतर का किया शैक्षिक भ्रमण
जी डी गोयंका पब्लिक स्कूल, स्वर्ण नगरी ग्रेटर नोएडा के कक्षा 9 के छात्रों ने दिल्ली स्थित जंतर-मंतर का किया शैक्षिक भ्रमण

ग्रेटर नोएडा।जी डी गोयंका पब्लिक स्कूल, स्वर्ण नगरी ग्रेटर नोएडा के कक्षा 9 के छात्रों ने दिल्ली स्थित जंतर-मंतर का शैक्षिक परिभ्रमण किया। इस दौरान छात्रों ने प्राचीन खगोलीय यंत्रों की संरचना, उनके उपयोग और ऐतिहासिक महत्व को नज़दीक से समझा। यह भ्रमण विद्यार्थियों के लिए अत्यंत रोचक और ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ। शिक्षकों के साथ पहुंचे छात्रों को बताया गया कि जंतर-मंतर केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय खगोल विज्ञान और गणित की समृद्ध परंपरा का जीवंत प्रमाण है। यहां विभिन्न खगोलीय उपकरण सूर्य, चंद्रमा और तारों की गति एवं स्थिति की गणना करने के लिए बनाए गए थे, जिन्हें देखकर छात्र बेहद उत्साहित नजर आए।
खगोल विज्ञान और गणित का अनुभव:
छात्रों ने विशाल खगोलीय यंत्रों का उपयोग और उनकी कार्यप्रणाली को समझा। उन्होंने यह सीखा कि प्राचीन काल में किस प्रकार इन यंत्रों की सहायता से समय, ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और खगोलीय घटनाओं की गणना की जाती थी।भारतीय विरासत की झलक: जंतर-मंतर भारतीय विद्वानों और महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय की वैज्ञानिक दूरदृष्टि का अद्भुत उदाहरण है। छात्रों ने जाना कि प्राचीन भारत में विज्ञान और गणित कितने उन्नत थे।
विज्ञान का जीवन से संबंध:
शिक्षकों ने छात्रों को बताया कि इन खगोलीय गणनाओं का उपयोग त्योहारों, कृषि, मौसम और शुभ तिथियों के निर्धारण में किया जाता था, जिससे उनकी वैज्ञानिक समझ और गहरी हुई।
वास्तुकला का सौंदर्य:
पत्थर और संगमरमर से निर्मित जंतर-मंतर की संरचना ने छात्रों का ध्यान आकर्षित किया। इसकी अनोखी आकृतियाँ खगोल विज्ञान को व्यावहारिक और सौंदर्यपूर्ण रूप में समझने का अवसर प्रदान करती हैं। भ्रमण के दौरान बच्चे उत्साह से भरे दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से उन्हें विज्ञान का व्यावहारिक ज्ञान मिला और उन्होंने भारतीय वैज्ञानिक विरासत को और गहराई से समझा।जंतर-मंतर का यह शैक्षिक परिभ्रमण छात्रों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ, जिसने उनके ज्ञान, जिज्ञासा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को और मजबूत किया।



