शारदा विश्वविद्यालय में क्रोमैटोग्राफी तकनीकों दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
शारदा विश्वविद्यालय में क्रोमैटोग्राफी तकनीकों दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
ग्रेटर नोएडा ।नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के केंद्रीय उपकरण सुविधा के सहयोग से एनसीआर के प्रमुख शिक्षा संस्थानों के 22 प्रतिभागियों क्रोमैटोग्राफी तकनीकों पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। जिसमें छात्रों को क्रोमैटोग्राफी के सिद्धांतों और तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई। क्रोमैटोग्राफी की विभिन्न विधियों जैसे पेपर क्रोमैटोग्राफी, गैस क्रोमैटोग्राफी, और लिक्विड क्रोमैटोग्राफी के बारे में बताया गया। इस दौरान क्रोमैटोग्राफी के महत्व पर जोर दिया गया, खासकर वैज्ञानिक अनुसंधान और औद्योगिक अनुप्रयोगों में। इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को क्रोमैटोग्राफी के क्षेत्र में नवीनतम विकास और तकनीकों से अवगत कराया।विश्वविद्यालय के डीन रिसर्च डॉ भुवनेश कुमार ने बताया कि प्री-क्लीनिकल, क्लीनिकल शोध कार्यों में हाई प्रेशर थिन लेयर उपकरण बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुआ है। किसी भी मेडिसिनल हर्ब की पहचान इस उपकरण के माध्यम से आसानी से की जा सकती है। जिससे आयुर्वेदिक औषधियों की शुद्धता को प्रामाणिक रूप से डाक्यूमेंट किया जा सकता है। इसके साथ ही नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड इस विधि के द्वारा सभी आयुर्वेदिक पौधों का मोनोग्राम तैयार करने में प्रयासरत है। वर्तमान में आयुर्वेदिक औषधियों की री-वेलिडेशन आधुनिक उपकरणों द्वारा होनी बहुत आवश्यक है ताकि इन औषधियों के प्रति समाज में विश्वास पैदा हो सके। एचपीटीएलसी जैसे आधुनिक उपकरणों का ज्ञान चिकित्सकों को शोध कार्यों को प्रमाणित करने के लिए प्रेरित करेगा। इस प्रकार की कार्यशालाएं विश्वविद्यालय में वर्ष भर आयोजित की जाएंगी। जिससे चिकित्सकों की भावी पीढ़ी को इन आधुनिक उपकरणों के विषय में और अधिक समझ पैदा होगी।इस दौरान डॉ अतुल कुमार गुप्ता, , डॉ संतोष कुमार मिश्रा, डॉ मोहित साहनी, डॉ संदीप कुमार शुक्ला, डॉ ललित चंद्रवंशी, डॉ सुरेंद्र और डॉ शशांक शर्मा मौजूद रहे।