राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में मोतियाबिंद का ऑपरेशन अब होगा निःशुल्क
राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में मोतियाबिंद का ऑपरेशन अब होगा निःशुल्क

ग्रेटर नोएडा ।भारत में अंधेपन का सबसे आम कारण मोतियाबिंद है। भारत में 66.2ः अंधेपन के मामले अकेले मोतियाबिंद के कारण होते हैं। मोतियाबिंद सर्जरी से दृष्टि में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है, और 98ः से अधिक मरीज़ों में दृष्टि में सुधार होता है, कुल प्रसारः अध्ययनों से संकेत मिलता है कि भारत में मोतियाबिंद का कुल प्रसार 14.85ः है, आयु-विशिष्ट प्रसारः 75 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में मोतियाबिंद होने की संभावना लगभग 11.44 गुना अधिक है, सामाजिक-आर्थिक प्रसारः सबसे गरीब लोगों में मोतियाबिंद की संभावना अधिक है, और शिक्षा के स्तर के साथ इसकी संभावना कम हो जाती है। उत्तर प्रदेश में मोतियाबिंद की दरः उत्तर प्रदेश में, 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लगभग २०-२५ लाख लोग मोतियाबिंद से प्रभावित हैं, मोतियाबिंद के कारण अंधता से मरीजों को निजात दिलाने के लिए अब जिम्स में मोतियाबिंद के इलाज को निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है जिसमे मोतियाबिंद से संबंधित विभिन्न प्रकार की दवाएँ जांचे एवं सर्जरी के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा
राजकीय चिकित्सा संस्थान के निदेशक डॉ ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता ने मरीज़ो को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास किये जिससे कि मरीजों को गुणवत्ता युक्त चिकित्सा व्यवस्था का लाभ मिल सके निःशुल्क मोतियाबिंद के इलाज से ग़रीब मरीजों को राहत मिलेगी जो कि निजी अस्पतालों में काफ़ी महंगा होता है मोतियाबिंद के लक्षण
धुंधलापन एवं धुंधली दृष्टिः आपको चीज़ें धुंधली या कम स्पष्ट दिखाई दे सकती हैं, जिससे पढ़ने या रात में गाड़ी चलाने जैसी गतिविधियों में परेशानी होती है।
रात में देखने में कठिनाईः कम रोशनी में या रात में चीजों को देखने में मुश्किल होना।
प्रकाश के प्रति संवेदनशीलताः तेज रोशनी, जैसे कि हेडलाइट्स या धूप, से असुविधा होना।
रोशनी के चारों ओर प्रभामंडलः तेज रोशनी के चारों ओर एक चमक या छल्ले दिखाई दे सकते हैं।
रंगों का फीका पड़नाः रंग फीके या पीले दिखाई दे सकते हैं।
दोहरी दृष्टिः एक आँख में एक ही वस्तु की दोहरी छवि दिख सकती है।
चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के नुस्खे में बार-बार बदलावः दृष्टि में लगातार बदलाव के कारण बार-बार चश्मे के नंबर बदलने की आवश्यकता हो सकती हैैै।
उपचार-जब चश्मे या लेंस से आपको स्पष्ट दिखाई न दे तो सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है। सर्जरी की सलाह तभी दी जाती है जब मोतियाबिंद के कारण आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित होने लगती है।
जिम्स में मोतियाबिंद का निःशुल्क उपचार शुरू होने से मरीजों को राहत एवं उचित उपचार मिलेगा जिससे उनकी ज़िंदगी बेहतर बनी रहेगी। साथ ही संस्थान में मरीजों की संख्या में वृद्धि होगी।



