बड़ी कामयाबी। तिरथली गांव के जुहा राशिद ने बिना हाथ हौसलों से छुआ आसमान, पैरों से लिखी अपनी तकदीर हाई स्कूल की परीक्षा में प्राप्त किए 82 प्रतिशत अंक।
बड़ी कामयाबी। तिरथली गांव के जुहा राशिद ने बिना हाथ हौसलों से छुआ आसमान, पैरों से लिखी अपनी तकदीर हाई स्कूल की परीक्षा में प्राप्त किए 82 प्रतिशत अंक।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। तिरथली गांव की रहने वाली हो जुहा राशिद ने बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है बिना हाथों के उसने इतना बड़ा इतिहास लिखा है अपने पैरों से अपनी तकदीर लिखी है जुहा राशिद ने बिना हाथों के आसमान को छुआ उन्होंने दसवीं की परीक्षा में 82 प्रतिशत अंक प्राप्त किए है वह शत प्रतिशत दिव्यांग है और सबसे बड़ी खासियत ये है कि वह अपने सभी काम खुद करती है और आठवें बच्चों को ट्यूशन तक पढ़ाती है जुहा राशिद की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है जिसे पढ़ना लिखना बहुत पसंद है वह पैरों से पेन पकड़कर लिखती है हालांकि बोर्ड परीक्षा में उन्होंने राइटर की मदद से पेपर दिया। जुहा राशिद का कहना है कि वह मोटिवेशनल स्पीकर बनना चाहती है आपको बताने कि जुहा राशिद का एक यूट्यूब चैनल है जिसके दो लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं वह चाहती है कि हमेशा वह खुद पर निर्भर रहे जुहा राशिद जिसने अपनी जिंदगी में बहुत संघर्ष किया कई बार स्कूल में बच्चों द्वारा उसकी शारीरिक समस्या का मजाक उड़ाया लेकिन उसमें आर नहीं मानी उसके माता-पिता है उसका हौसला बढ़ाया वह अपने आगे की पढ़ाई की तैयारी शुरू करती है कहते हैं इंसान हौसले के दम पर सब कुछ हासिल कर सकता है इस बात को साबित कर दिखाया है जुहा राशिद ने जिन्होंने शत प्रतिशत दिव्यांग होने के बावजूद आसमान को छुआ है जुहा के हाथ नहीं है घुटना भी नहीं है एक पैर में तीन उंगलियां हैं इन्हीं उंगलियों की मदद से वह लिखती है उसके पिता राशिद बताते हैं कि जुहा को व्हीलचेयर के जरिए वह स्कूल पहुंचाते हैं वह पढ़ाई के साथ-साथ डिजिटल तकनीक में बहुत तेज है और उसके पास मोबाइल भी एप्पल कंपनी का है वह यूट्यूब चैनल के जरिए अपनी दैनिक गतिविधि और प्रेरणा वाले विचार रखती है इस चैनल के ढाई लाख सब्सक्राइबर हैं जुहा कहती है कि ईश्वर कुछ लेता है तो बहुत कुछ देता भी है उसका कहना है कि शारीरिक स्थिति व्यक्ति के इरादों और उसके लक्ष्य में बाधा नहीं बन सकती