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सावधान। सीबीएसई मान्यता देखकर ही बच्चों को दिलाएं स्कूल में एडमिशन, दनकौर क्षेत्र में आठवीं की मान्यता होने के बाद भी 10वीं तक की कक्षाएं चला रहे कई स्कूल

सावधान। सीबीएसई मान्यता देखकर ही बच्चों को दिलाएं स्कूल में एडमिशन, दनकौर क्षेत्र में आठवीं की मान्यता होने के बाद भी 10वीं तक की कक्षाएं चला रहे कई स्कूल

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। दनकौर क्षेत्र में कई बिना मान्यता के निजी स्कूल चल रहे है। जिला प्रशासन के सख्त आदेशों के बावजूद भी कई निजी स्कूल बिना मान्यता के बेरोकटोक संचालित हो रहे है। कई स्कूल संचालकों ने आठवीं की मान्यता होने के बाद भी 10वीं तक की कक्षाएं संचालित कर रखी है बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूल संचालकों द्वारा विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। फर्जीबाडा करके संचालित स्कूलों के जानकारी में होने के बावजूद शिक्षा विभाग का रवैया हैरान करने वाला है। विभाग के अधिकारियों की जानकारी में मामला होने के बाद भी क्षेत्र में संचालित फर्जी तरीके से संचालित शिक्षण संस्थाओं की ना सूची बनाई है और ना ही ऐसे स्कूलों के खिलाफ पिछले अर्से से कोई कार्यवाही की है। जबकि नए सत्र में भी अनेक स्थानों पर फर्जी शिक्षण संस्थाएं खोलकर छात्रों के भविष्य के साथ फिर से खिलवाड़ करने की तैयारी शुरू कर दी है। कई स्कूलों में मान्यता से अधिक कक्षाएं चलाई जा रही है।

आठवीं तक की मान्यता, सालों से चल रही 9 वीं और 10वीं कक्षा

दनकौर क्षेत्र में कई स्कूल संचालक प्राथमिक की मान्यता लेकर कई साल से 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्र छात्राओं के प्रवेश लेकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। इतने बड़े पैमाने पर धांधलेबाजी होने और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आंख बंद कर रखी हैं अगर नियम की बात करें तो राइटटू एजूकेशन 2009 में प्रावधान है कि यदि किसी निजी स्कूल द्वारा एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है तो शिक्षा निदेशक द्वारा उसकी मान्यता रद्द कर जुर्माना वसूला जा सकता है। अगर कोई निजी स्कूल बिना मान्यता के चलता पाया जाता है तो संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने एवं जुर्माना वसूले जाने की कार्यवाही की जा सकती है। लेकिन जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अभी तक इस तरह की कार्रवाई के लिए फुर्सत नहीं मिल पाई है। जिससे तय हो सके कि कितने स्कूल फर्जी तरीके से और कहां कहां संचालित हो रहे है। समय समय पर ऐसे स्कूलों को बंद किए जाने की मांग उठती रही है जो बिना किसी मान्यता के स्कूल खोल कर शिक्षा के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ एवं मोटी फीस वसूलते आए है। जिनके पास छात्रों को बिठाने के लिए भवन का माकूल इंतजाम है और ही पेयजल, टॉयलेट आदि की सुविधा। यहां तक कि छात्र-छात्राओं को अध्ययन प्रमाण-पत्र एवं टीसी देने के लिए दूसरे स्कूलों के रहमो करम पर निर्भर रहना पड़ता हो। यह सभी स्कूल मिलकर छात्रों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जरूर इस बात की है कि गैर मान्यता प्राप्त स्कूल में बच्चे का एडमिशन न कराएं , अपने बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ मत कीजिए । स्कूल के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही बच्चे का एडमिशन कराएं।
हाल ही में सीबीएसई के द्वारा बीस से अधिक स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई है तथा कुछ ही समय में और भी स्कूलों की मान्यता रद्द की जाएगी, न जाने कितने ही बच्चों का भविष्य पतन की ओर चला गया है।
बच्चे के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए उसका एडमिशन केवल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूल में ही कराएं। एडमिशन कराने से पहले यह जाँच अवश्य कर लें कि यह स्कूल मान्यता प्राप्त है तथा सीबीएसई के द्वारा बनाए गए सभी निर्देशों का पालन सही ढंग से कर रहा है।

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