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शारदा विश्वविद्यालय में ने साइबर सुरक्षा के लिए पायथन पर 40 घंटे का हाइब्रिड प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन।

शारदा विश्वविद्यालय में ने साइबर सुरक्षा के लिए पायथन पर 40 घंटे का हाइब्रिड प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन।

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी और क्रिप्टोलॉजी विभाग ने साइबर सुरक्षा के लिए पायथन पर 40 घंटे का हाइब्रिड प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन हुआ। जो ऑफ लाइन और ऑनलाइन मोड पर चला। इस दौरान साइबर सुरक्षा को लेकर विभिन्न तकनीकों पर विशेषज्ञों ने चर्चा की। इसका उद्देश्य पाइथन का उपयोग करके पेशेवर स्तर की सुरक्षा स्वचालन तकनीक प्रदान करता है। प्रतिभागियों को वास्तविक समय नेटवर्क विश्लेषण, खतरे का पता लगाने, मैलवेयर विश्लेषण और पैठ परीक्षण में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ।विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी और क्रिप्टोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ श्रीकांत ने बताया कि पायथन एक शक्तिशाली प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग साइबर सुरक्षा में विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है। यह सुरक्षा कार्यों को स्वचालित करने, कमजोरियों की पहचान करने, और कस्टम सुरक्षा उपकरण बनाने में मदद करता है। पायथन की बहुमुखी प्रतिभा और उपयोग में आसानी इसे साइबर सुरक्षा पेशेवरों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनाती है। पाइथन-संचालित ऑडिटिंग और जोखिम विश्लेषण सिखाता है, प्रतिभागियों को महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और उद्यम वातावरण को प्रभावी ढंग से और कुशलता से सुरक्षित करने के लिए सशक्त बनाता है।विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अमृता ने कहा कि पाइथन का उपयोग करके पेशेवर स्तर की सुरक्षा स्वचालन तकनीक प्रदान करता है। नेटवर्क सुरक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) खतरे का पता लगाने का काम असामान्य पैटर्न या विसंगतियों की पहचान करने के लिए नेटवर्क ट्रैफिक की निगरानी पर केंद्रित है। मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके एआई सिस्टम हैकिंग, डेटा उल्लंघन और मैलवेयर संक्रमण के संकेतों को पहचान सकते हैं और वास्तविक समय में अलर्ट प्रदान कर सकते हैं। इस दौरान डॉ रवि प्रकाश चतुर्वेदी, डॉ आकाश शाह, प्रशांत उपाध्याय समेत विभिन्न विभाग के डीन और एचओडी मौजूद रहे।

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