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सेक्टर बैठक में संभव अभियान की रणनीति पर हुई विस्तृत चर्चा,फेस रिकग्निशन में लापरवाही पर आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का रोका गया मानदेय 

सेक्टर बैठक में संभव अभियान की रणनीति पर हुई विस्तृत चर्चा,फेस रिकग्निशन में लापरवाही पर आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का रोका गया मानदेय 

SAM बच्चों की पहचान एवं प्रबंधन को लेकर CDPO ने दिए सख्त निर्देश

संचारी रोग अभियान के अंतर्गत घर-घर जाकर किया जाएगा स्वास्थ्य आकलन

गौतमबुद्धनगर। बाल विकास परियोजना कार्यालय में एक अहम सेक्टर मीटिंग का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता बाल विकास परियोजना अधिकारी संध्या सोनी ने की। बैठक का प्रमुख उद्देश्य “संभव अभियान 5.0” के प्रभावी क्रियान्वयन की रणनीति पर चर्चा एवं क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को अभियान की गंभीरता से अवगत कराना रहा।CDPO ने बताया कि गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों (SAM) की पहचान, पोषण प्रबंधन और चिकित्सकीय सहायता के लिए घर-घर भ्रमण जरूरी है। प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकत्री को निर्देशित किया गया कि वे SAM बच्चों के घर 15-15 दिन के अंतराल पर जाएं, परिजनों को ऊर्जा युक्त भोजन, मात्रा व आवृत्ति की जानकारी दें और बच्चों की भोजन संबंधी आदतों का मूल्यांकन करें।

VHSND सत्रों में सभी संबंधित बच्चों को बुलाकर ANM, ASHA और आंगनवाड़ी कार्यकत्री मिलकर पोषण का आकलन करेंगी और जानकारी पोषण ट्रैकर व E-Kavach पर अद्यतन की जाएगी।CHO द्वारा 02 किलोग्राम से कम वजन वाले नवजातों के घर जाकर उचित परामर्श दिया जाएगा। 06 माह से कम आयु के बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर विशेष फोकस एवं 0-6 माह के शिशुओं के लिए “6 माह, 7 बार” रणनीति के तहत सात बार गृह भ्रमण कर स्तनपान परामर्श एवं वजन जांच की जाएगी। MCP कार्ड पर नियमित अंकन सुनिश्चित किया जाएगा। कम वजन वाले (LBW) बच्चों की पहचान कर विशेष ध्यान दिया जाएगा। गर्भवती महिलाओं के पोषण प्रबंधन हेतु उनके वजन, हीमोग्लोबिन जांच, आयरन व कैल्शियम की उपलब्धता तथा ANC 1 से 4 की निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।बैठक में बाल विकास परियोजना अधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जिन आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा बार-बार निर्देश देने के बावजूद लाभार्थियों का फेस रिकग्निशन और ई-केवाईसी कार्य पूर्ण नहीं किया गया, उनका मानदेय तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्य भारत सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है, जिसका उद्देश्य पोषण कार्यक्रमों की पारदर्शिता एवं वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित करना है। लगातार चेतावनी एवं फील्ड विजिट के बावजूद कुछ कार्यकत्रियाँ अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह पाई गईं, इसलिए यह अनुशासनात्मक कदम आवश्यक हो गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कार्य शीघ्र पूरा कर रिपोर्ट देने वाली कार्यकत्रियों का मानदेय यथाशीघ्र बहाल कर दिया जाएगा। यदि आगामी 3 दिनों में कार्य पूर्ण नहीं किया गया तो संबंधित कार्यकत्रियों की सेवा समाप्ति हेतु पत्रावली वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित कर दी जाएगी। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि संचारी रोग एवं दस्तक अभियान के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियाँ आशा के साथ समन्वय बनाकर घर-घर जाकर टीबी, बुखार व SAM बच्चों की पहचान व प्रबंधन का कार्य करेंगी। इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य सेविका ऊषा सिंह, किरण भारती, बीएमसी शिवेंद्र एवं बीसी भरत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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