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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 47 शहरों के लिए भरेंगे विमान, हवाई नेटवर्क होगा विस्तृत

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 47 शहरों के लिए भरेंगे विमान, हवाई नेटवर्क होगा विस्तृत

ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से देशभर के दर्जनों शहरों को जोड़ने की दिशा में बड़ी पहल सामने आई है। निजी विमानन कंपनी इंडिगो ने विभिन्न राज्यों के 47 शहरों के लिए उड़ान संचालन की अनुमति मांगी है, जबकि एअर इंडिया एक्सप्रेस ने प्रारंभिक चरण में सात शहरों के लिए विमान सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। दोनों एयरलाइनों ने इसके लिए नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर दिए हैं।एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि सुरक्षा से जुड़ी औपचारिकताओं में भी अब प्रगति हुई है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) द्वारा पहले उठाई गई आपत्तियों का समाधान कर लिया गया है। बीते अक्टूबर से दिसंबर के बीच सुरक्षा ऑडिट के दौरान बीसीएएस ने कई बिंदुओं पर आपत्तियां दर्ज की थीं, जिनमें एयरपोर्ट की क्रिटिकल परिधि दीवार, सीसीटीवी व्यवस्था, वॉच टावर, टर्मिनल भवन में यात्रियों और बाहरी क्षेत्र के बीच सुरक्षा विभाजन तथा यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ की विदेशी नागरिकता से जुड़ा विषय शामिल था।अधिकारियों का दावा है कि सभी आपत्तियों पर आवश्यक सुधार पूरे कर लिए गए हैं। अब एयरपोर्ट को केवल एयरोड्रम लाइसेंस का इंतजार है, जिसके बाद उड़ानों की शुरुआत का रास्ता साफ हो जाएगा। चूंकि एयरलाइंस पहले ही डीजीसीए में आवेदन कर चुकी हैं, इसलिए उद्घाटन के बाद विमान सेवाएं अपेक्षाकृत कम समय में शुरू हो सकती हैं। सामान्य तौर पर किसी नए एयरपोर्ट से उड़ान संचालन शुरू होने में करीब 45 दिन का समय लगता है, लेकिन नोएडा एयरपोर्ट के मामले में यह प्रक्रिया और तेज होने की संभावना जताई जा रही है।एयरपोर्ट प्रशासन का यह भी कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था उसी प्लान के अनुरूप तैयार की गई है, जिसे दो वर्ष पूर्व बीसीएएस से मंजूरी मिल चुकी थी। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट होने के चलते यहां सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की चुनौती का सामना न करना पड़े।गौरतलब है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से शुरुआती चरण में प्रतिवर्ष करीब 50 से 60 लाख यात्रियों के सफर करने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों को बड़ी हवाई सुविधा मिलने की उम्मीद है।

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