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अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में अस्पतालों की सुरक्षा एवं आपदा न्यूनीकरण तैयारी की समीक्षा बैठक हुई सम्पन्न

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में अस्पतालों की सुरक्षा एवं आपदा न्यूनीकरण तैयारी की समीक्षा बैठक हुई सम्पन्न

गौतमबुद्धनगर।जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर मेधा रूपम के निर्देशों के क्रम में विकास भवन सभागार में जनपद के सभी अस्पताल प्रबंधकों/संचालकों के साथ सुरक्षा मानकों एवं आपदा प्रबंधन तैयारियों पर व्यापक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गौतमबुद्धनगर अतुल कुमार ने की। बैठक का उद्देश्य अस्पतालों में संभावित आग, दुर्घटना अथवा अन्य आपदा की स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना तथा मरीजों एवं आमजन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना था अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने अस्पताल संचालकों को निर्देशित किया कि निर्धारित सुरक्षा मानकों का शत-प्रतिशत अनुपालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अग्निशमन यंत्रों की कार्यशीलता, अवरोध-मुक्त आपात निकास, सीसीटीवी व्यवस्था, विद्युत सुरक्षा, ऑक्सीजन प्लांट/स्टोरेज की सुरक्षित व्यवस्था, पार्किंग एवं भीड़ नियंत्रण जैसी सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अस्पताल एक इमरजेंसी इंचार्ज नामित कर उसकी सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए।उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्राथमिक उपचार सामग्री, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, फायर अलार्म, स्ट्रेचर/व्हीलचेयर, दिव्यांगजनों के मूलभूत सुविधाएं अस्पताल में सदैव उपलब्ध रहें। आपदा से निपटने की क्षमता बढ़ाने हेतु नियमित मॉक ड्रिल एवं प्रशिक्षण को अनिवार्य रूप से आयोजित करने पर बल दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन समय-समय पर निरीक्षण करता रहेगा और किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। संबंधित विभागों को भी अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में स्वास्थ्य, अग्निशमन, पुलिस एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा अस्पतालों की भीड़ एवं आपदा प्रबंधन से संबंधित विस्तृत चेकलिस्ट पर चर्चा की गई। इसमें संकट प्रबंधन टीम का गठन, प्रभावी प्रतिक्रिया योजना, सक्रिय कंट्रोल रूम/हेल्प डेस्क, प्रवेश व निकास मार्ग का स्पष्ट चिन्हांकन, ओपीडी, इमरजेंसी क्षेत्रों में कतार व्यवस्था, दिशासूचक बोर्ड, स्ट्रेचर/व्हीलचेयर के लिए अलग गलियारा तथा आगंतुकों के लिए नियंत्रित प्रवेश जैसी व्यवस्थाएं शामिल रहीं।आपात संचार व्यवस्था के अंतर्गत पब्लिक एड्रेस सिस्टम, अलार्म/सायरन, आपात नंबरों का प्रदर्शन, एम्बुलेंस सेवा से सीधा संपर्क तथा पुलिस, फायर और प्रशासन की अद्यतन संपर्क सूची सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। आग सुरक्षा संबंधी मानकों में फायर एक्सटिंग्विशर, स्प्रिंकलर सिस्टम, फायर अलार्म, फायर एस्केप मैप तथा नियमित फायर ड्रिल को अनिवार्य बताया गया। मेडिकल इमरजेंसी तैयारी में ट्रॉमा वार्ड, ऑक्सीजन वेंटिलेटर, जीवनरक्षक दवाएं, आपदा किट, अतिरिक्त बेड व्यवस्था, ब्लड बैंक समन्वय तथा प्रशिक्षित एम्बुलेंस स्टाफ की उपलब्धता आवश्यक बताई गई।
निकासी योजना में भवन के प्रत्येक तल का इमरजेंसी नक्शा, स्पष्ट स्ट्रेचर मार्ग, नामित इवैक्यूएशन टीम और सुरक्षित असेंबली प्वाइंट निर्धारित करना शामिल रहा। सुरक्षा एवं निगरानी के अंतर्गत सीसीटीवी कवरेज, 24×7 सुरक्षा स्टाफ, आपात द्वारों की सुरक्षा तथा संदिग्ध वस्तु/व्यक्ति की जांच SOP पर विशेष जोर दिया गया। वहीं बिजली, मेडिकल गैस पाइपलाइन, पानी आपूर्ति और अन्य तकनीकी व्यवस्थाओं की नियमित जांच को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया। सभी SOP, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट एवं मॉक ड्रिल रिपोर्ट का अद्यतन दस्तावेजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र कुमार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप चौबे, जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी सहित स्वास्थ्य, पुलिस, विद्युत सुरक्षा एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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