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वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोग बनाने और राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर सिटिजन फोरम बनाने को लेकर कार्यक्रम का 17 फरवरी को शारदा में आयोजन 

वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोग बनाने और राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर सिटिजन फोरम बनाने को लेकर कार्यक्रम का 17 फरवरी को शारदा में आयोजन 

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। पुलिस पब्लिक सामाजिक संगठन शारदा विश्व विद्यालय के साथ मिलकर एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है,जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक आयोग बनाने और राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर सिटिजन फोरम बनाने को लेकर एक कार्यक्रम 17 फरवरी, 2024 की सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश के ज्ञान पार्क के प्लॉट नं 32 धनवंन्तरी सभागार में शारदा विश्वविद्यालय के सहयोग से हो रहा है। गुरुवार को ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें देवदत्त शर्मा, मेम्बर सेक्रेटरी, आर.के. माहेश्वरी, सीईओ, आर.के. वर्मा ज्वाइंट सेक्रेटरी, डॉ. अजीत सिंह, डायरेक्टर पीआर, डॉ. रुकमनी, विमल कक्ड, डायरेक्टर ने कार्यक्रम की जानकारी दी। प्रेस वार्ता में बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों के विचारों को जानना है कि भारत में वरिष्ठ नागरिकों की किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है तथा इनका समाधान खोजने का प्रथल करना है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलासानंद, निवगिरी अखाड़ा और आचार्य मिथिलेश नदिनी सरन, श्री महत, अनुमान निवास, अयोध्या के आशीर्वाद, और पूर्व उच्चतम न्यायालय/उच्च न्यायालय कयाधीशी, पूर्व आईएएस, आईएफएस, आईपीएस और आईआरएस अधिकारियों, प्रौद्योगिकीविटी, बैंकरों, वरिष्ठ अधिययताओं, चार्टर्ड एकाउंटेंट और देश के अन्य विशिष्ट नागरिकों के समर्थन से पब्लिक पुलिस को राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक मंच स्थापित करने में भी सहायता मिलेगी। पब्लिक पुलिस एनजीओ एक प्रमुख गैर-लाभकारी, पंजीकृत समठन है जो वर्ष 2010 से 15 राज्यों में कार्य कर रहा है। इसके अध्यक्ष, न्यायमूर्ति के.जी, बालकृष्णन, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष है। समाज के बाई जिम्मेदार और प्रतिष्ठित सदस्य इतके कार्य में सक्रिय रूप से शामिल हैं। यह एनजीओ जनता और पुलिस अधिकारियों के बीच एक सेतु का काम कर रहा है। सार्वजनिक सुरक्षा और कल्याण पर कई उपाय शुरू किए गए हैं। इस एनजीओ ने यरिष्ठ नागरिकों के मुद्दों पर कई रोकिनार आयोजित किए हैं, और इसी श्रृंखला में एक वैधानिक निकाय के रूप में राष्ट्रीय वरिष्ठ मरिक आयोग की स्थापना हेतु, भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री को 12 नवंबर, 2023 को, एक पत्र के द्वारा अपने सुझाव भेजे है।जैसा कि विद्वित है. भारत की आबादी तेजी से बढ़ रही है और सरकारी आकड़ों के अनुसार 2022 में 14.90. करोड़ से 2026 तक 17.32 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि परिवार, नागरिक समाज और केंद्र और राज्य सरकारें वरिष्ठ नागरिको द्वारा सामना की जाने वाले समस्याओं का समाधान करें। यह सम्मेलन विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और हितधारकों को भारत में वरिष्ट नागरिकों द्वारा ताना किए जाने बाले मुद्दो पर व्यापक बातचीत में सामिल होने के लिए एक मंच प्रदान करने का लक्ष्य रखता है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद, निर्वाणी अखाड़ा, न्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, आचार्य मिथिलेश नंदिनी सरल, श्री महंत हनुमान निवास, अयोध्या और सुश्री लक्ष्मी सिंह, पुलिस आयुक्त, नोएडा, और कई अन्य पेशेवर इसे सचोधित करेंगे। जागरुकता पैदा करने और स्थायी समधान पर ध्यान देने के साथ ही सम्मेलन में वरिष्ठ नागरिकों की भलाई, स्वास्थ्य, वित्तीय सुरक्षा और सामाजिक एकीकरण से संबंधित विषयों की एक विस्तृत खाका तैयार करेगा। इसकी सिफारिशों को राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक आयोग की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त, पब्लिक पुलिस एनजीओ के तत्वावधान में एक राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक मंच की स्थापना की जाएगी।

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