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दिल्ली में गूंजे ग्रेटर नोएडा के सुर: इंडिया हैबिटेट सेंटर में ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ पर आधारित शास्त्रीय संगीत समारोह का हुआ भव्य आयोजन

दिल्ली में गूंजे ग्रेटर नोएडा के सुर: इंडिया हैबिटेट सेंटर में ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ पर आधारित शास्त्रीय संगीत समारोह का हुआ भव्य आयोजन

नई दिल्ली / ग्रेटर नोएडा। भारत की समृद्ध गुरु-शिष्य परंपरा को समर्पित एक सुरमई शाम का आयोजन दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर के स्टैंन ऑडिटोरियम में किया गया। यह विशेष शास्त्रीय संगीत समारोह ग्रेटर नोएडा की गुरुकुल द म्यूजिकोलॉजी फाउंडेशन एवं श्रुति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में बनारस घराने के प्रसिद्ध तबला वादक स्वर्गीय पंडित बुलबुल महाराज की स्मृति में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में पद्म विभूषण पंडित साजन मिश्रा मुख्य अतिथि एवं स्पिक मैके की निदेशक रश्मि मलिक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।समारोह की शुरुआत गुरुकुल द म्यूजिकोलॉजी फाउंडेशन के प्रशिक्षु छात्रों द्वारा प्रस्तुत तबला जुगलबंदी से हुई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ग्रेटर नोएडा से आए हनी मिश्रा, ईशान मिश्रा, सात्विक सिंह, अभिनंदन कुमार, आनंद कुमार, कृष्ण कुमार राय, सत्येष मंगलम एवं अर्जुन कौशिक ने ताल-लय की अद्भुत समन्वयता के साथ वादन प्रस्तुत किया।इसके बाद प्रसिद्ध तबला वादक पंडित मिथिलेश झा ने अपने गुरु स्वर्गीय बुलबुल महाराज को समर्पित स्वतंत्र तबला वादन किया। उनके साथ हारमोनियम पर डॉ. राजेंद्र बनर्जी ने संगत की। पंडित झा के वादन के दौरान सभागार कई बार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।बनारस घराने से आए प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित रितेश मिश्रा एवं पंडित रजनीश मिश्रा ने विलंबित लय में राग मारू बिहाग की प्रस्तुति देकर वातावरण को सुरमई बना दिया। तबले पर पंडित दुर्जय भौमिक एवं हारमोनियम पर पंडित सुमित मिश्रा ने संगत की।कार्यक्रम में ग्रेटर नोएडा से बड़ी संख्या में संगीतप्रेमी उपस्थित रहे। दर्शकों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के स्वर-लय की इस अनूठी प्रस्तुति का भरपूर आनंद लिया। समारोह में सोनम मिश्रा, अवारथंगा चीरु, संगीत जोशी सहित कई कलाकारों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।कार्यक्रम का संचालन श्रुतिप्रिया झा ने किया। समारोह के सफल आयोजन में गुरुकुल द म्यूजिकोलॉजी फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रियंका मिश्रा, संयोजक आनंद मिश्रा, हिमांशु मिश्रा एवं आराधना वर्मा की भूमिका सराहनीय रही।प्रियंका मिश्रा ने बताया कि गुरुकुल द म्यूजिकोलॉजी आगे भी गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए भारतीय संस्कृति, शास्त्रीय गायन और वादन की परंपरा को नए मंचों तक पहुंचाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा।

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