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गलगोटियाज विश्वविद्यालय में स्वर्गीय कमला बहुगुणा के जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में वाद-विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन।

गलगोटियाज विश्वविद्यालय में स्वर्गीय कमला बहुगुणा के जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में वाद-विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन।

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। गलगोटियाज विश्वविद्यालय में स्वर्गीय कमला बहुगुणा के जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इस वाद-विवाद प्रतियोगिता के आयोजन में पूर्व कैबिनेट मंत्री उ० प्र०/ पूर्व साँसद प्रोफ़ेसर रीता बहुगुणा जोशी मुख्य अतिथि के रूप में पहुँची। उन्होंने अपने अभिभाषण में प्रख्यात महिला नेत्री स्वर्गीय कमला बहुगुणा के कठिन परिस्थितियों से भरे हुए जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मेरी माँ स्वर्गीय कमला बहुगुणा जी एक आदर्श माँ, महान शिक्षाविद होने साथ साथ अपने सभी प्रकार के सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने वाली एक महान नारी थी।
उन्होंने राजनीति पर भी बोलते हुए कहा कि जो राजनीति देश की सेवा नहीं कर सकती वे राजनीति, राजनीति नहीं है। और ना ही वो देश भक्ति है। इसलिए हम जिस भी क्षेत्र में कार्यरत हो वहाँ पर हम पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें। वो कहती थीं कि राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिये बेटियों का शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है।

उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि माँ हमसे सदैव कहती रहती थीं कि जीवन में अपने आत्मसम्मान की रक्षा करना हम सब का पहला कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि आप अपने जीवन को सफल बनाने के लिये इन चार बातों को अवश्य अपनायें। दूर-दृष्टि, पक्का इरादा, कठिन परिश्रम और अनुशासन। ये आपके जीवन को सफल बनाने के लिये महामंत्र हैं। इस इस वाद-विवाद प्रतियोगिता में गलगोटियाज विश्वविद्यालय की 12 टीमों ने इस हिस्सा लिया जिसमें प्रथम बेस्ट स्पीकर ईसी गुप्ता, बेस्ट स्पीकर द्वितीय सार्थक शर्मा, बेस्ट स्पीकर तृतीय हिमानी भसीन रहीं। सभी विजेताओं को नक़द पुरस्कार प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न मुख्य अतिथि द्वारा भेंट किये गये।
गलगोटियाज विश्वविद्यालय के सीइओ डा० ध्रुव गलगोटिया ने इस अवसर पर विजयी टीमों को अपनी शुभकामनाएँ देते कहा कि बेटियाँ शिक्षित होंगी तो पूरा देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि महिला सशक्तिकरण का अर्थ है कि महिलाओं की आध्यात्मिक, राजनीतिक, सामाजिक या आर्थिक शक्ति में वृद्धि करना। आज भारत में महिलाएं शिक्षा, राजनीति, मीडिया, कला व संस्कृति, सेवा के क्षेत्रों, विज्ञान व प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्रों में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहीं हैं। हमारे देश भारत का संविधान सभी भारतीय महिलाओं की समानता की गारंटी देता है। हर क़ीमत पर महिलाएँ आगे बढ़ें यही मेरी शुभकामनाएँ हैं।

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