अखिल विश्व गायत्री परिवार ने ” बंदी सुधार अभियान ” के तहत जिला कारागार गौतमबुद्धनगर में “ज्ञानवर्धक युग साहित्य लाइब्रेरी की स्थापना की।
अखिल विश्व गायत्री परिवार ने ” बंदी सुधार अभियान ” के तहत जिला कारागार गौतमबुद्धनगर में “ज्ञानवर्धक युग साहित्य लाइब्रेरी की स्थापना की।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। सद्गुरु और सदसाहित्य ही सच्चे मित्र होते है जो जीवन की हर राह पर ज्ञान का प्रकाश कर हमारा उद्दार करते है। इसी भाव से अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा जिला कारागार गौतमबुद्धनगर में परम पूज्य पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के द्वारा रचित विशेष तुरंत लाभ देने वाली पुस्तकें हारिये न हिम्मत। ज़िन्दगी हंसते खेलते हुए जियें। निराशा को पास न फटकने दे। विपत्तियों से डरिये नहीं जूझिये। गहना कर्मणोगति कर्म फल का सुनचित।शक्ति संचय के पथ पर निर्भय बनें शान्त रहे। स्वर्ग नरक की स्वाचालित प्रक्रिया। समयदान ही युग धर्म है गायत्री के प्रत्यक्ष चमत्कार। आगे बढने की तैयारी जैसीकई ओर भी दुर्बुद्धि हटाकर सद्बुद्धि स्थापित करने वाली पुस्तको के साथ 01 लोहे से बनी हुई बुक सेल्फ अलमारी जेल प्रशासन को भेटकर लाइब्रेरी की स्थापना की। जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह एवं गायत्री परिवार के साधक बुदनी मध्य प्रदेश से आए प्रेम लाल कुशवाहा एवं प्रज्ञा विस्तार केंद्र, ग्रेटर नोएडा के साधक परिजन डा. निधि माहेश्वरी, नूतन गौतम, निशि पाठक, पुनीत पाठक, ज्योति सिंह, सरोज अरोड़ा, सीमा अग्रवाल, राशि पाठक, माया कर्ण एवं दिया ग्रुप से नीतू राघव वहां उपस्थित रहे और सभी ने साहित्य प्रदान किए । मिथलेश तिवारी ने इस कार्य के लिए विशेष अनुदान प्रदान किया।
प्रेमलाल कुशवाहा जो कई वर्षों से बंदी साधना अभियान में तत्परता से लगे हुए हैं, ने बताया कि समस्त भारत की जेलों में यह 121 वा कार्यक्रम है एवं 41 जेलों में पुस्तकालय की स्थापना अभी तक की जा चुकी है। साहित्य स्वाध्याय एवं गायत्री मंत्र लेखन करने से अनेकों बंदी भाई बहनों में सकारात्मक परिवर्तन आ रहे हैं। जैसे मनुष्य को भूख मिटाने के लिए भोजन की आवश्यकता पड़ती है ठीक उसी प्रकार आत्मा की भूख मिटाने के लिए युग साहित्य का पठन-पाठन अध्ययन जरूरी है इससे आत्मा को तृप्ति मिलती है और मनुष्य में सद्गुणों का विकास होता है सकारात्मक विचारधारा और सोचने समझने की शक्ति मिलती है।