ग्रेटर नोएडा। लंदन में इंटरनेशनल पेपर प्रेजेंटेशन में शारदा स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज की पीजी छात्रा डॉ मल्लिका बनाती ने पेपर किया प्रस्तुत
ग्रेटर नोएडा। लंदन में इंटरनेशनल पेपर प्रेजेंटेशन में शारदा स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज की पीजी छात्रा डॉ मल्लिका बनाती ने पेपर किया प्रस्तुत
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। लंदन के वन ग्रेट जॉर्ज स्ट्रीट पर ब्रिटिश एंडोडोंटिक सोसाइटी स्प्रिंग कॉन्फ्रेंस में ग्रेनो नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज की पीजी छात्रा डॉ मल्लिका बनाती ने कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री और एंडोडोंटिक्स विभाग की डॉ एकता चौधरी के मार्गदर्शन में इंटरनेशनल पेपर प्रेजेंटेशन कार्यक्रम में अपने पेपर को प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में दुनिया के भर के सर्वश्रेष्ठ पांच पेपर को चुना गया।स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज की पीजी छात्रा डॉ मल्लिका बनाती ने बताया कि पेरिसर्विकल डेंटिन एंडोडोंटिक सफलता में एक महत्वपूर्ण प्रतिमान है। इसकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी मात्रा सीधे दांत प्रतिधारण और फ्रैक्चर प्रतिरोध से संबंधित है।इससे न्यूनतम आक्रामक एंडोडोंटिक्स का मार्ग प्रशस्त हुआ है। जो उपचार के दौरान स्वस्थ कोरोनल, सर्वाइकल और रेडिक्यूलर दांत संरचना को संरक्षित करता है। यह रिपोर्ट पारंपरिक बनाम रूढ़िवादी पहुंच गुहिकाएं में पीसीडी मोटाई की तुलना करने के लिए सीबीसीटी का उपयोग करती है। बेहतर परिणामों के लिए न्यूनतम पीसीडी आक्रमण को बढ़ावा देती है। संशोधनों के माध्यम से पीसीडी को संरक्षित करने से फ्रैक्चर रेजिस्टेंस को बनाए रखने और न्यूनतम इनवेसिव एंडोडोंटिक्स को बढ़ावा देकर एंडोडोंटिक विफलता को रोका जा सकता है।डॉ एकता चौधरी ने कहा कि इस अध्ययन का उद्देश्य पेरिसर्विकल डेंटिन की मोटाई और मैंडीबुलर दाढ़ों की पारंपरिक बनाम संरक्षण पहुंच गुहाओं से तुलना करना है।