राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान ग्रेटर नोएडा की शासी निकाय की 9 वीं बैठक हुई सम्पन्न,निदेशक राकेश गुप्ता ने शासी निकाय सदस्यों को संस्थान की प्रगति एवं उपलब्धियों से कराया अवगत।
राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान ग्रेटर नोएडा की शासी निकाय की 9 वीं बैठक हुई सम्पन्न,निदेशक राकेश गुप्ता ने शासी निकाय सदस्यों को संस्थान की प्रगति एवं उपलब्धियों से कराया अवगत।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में शुक्रवार को राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान ग्रेटर नोएडा की शासी निकाय की 9वीं बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में प्रमुख सचिव चिकत्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेनशर्मा, महानिदेशक चिकत्सा शिक्षा किंजल सिंह, वित्त विभाग के सचिव, मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा रवि कुमार, डॉ राकेश कपूर, पूर्व निदेशक, एसजीपीजीआई लखनऊ, लेफ्ट जनरल डॉ बिपिन पूरी, बालेश्वर त्यागी एवम डॉ ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता व मुख्य चिकत्सा अधीक्षक डॉ सौरभ श्रीवास्तव उपस्थित रहे। निदेशक राकेश गुप्ता ने शासी निकाय सदस्यों को संस्थान की प्रगति एवं उपलब्धियों से अवगत कराया। मुख्य सचिव ने संस्थान के कार्यों व प्रयासों की सराहना की और निदेशक से इसे आगे जारी रहने की अपेक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव ने संस्थान के मेडिकल कालेज प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ अस्पताल के बेसमेंट की सीपेज कार्य हेतु विकास प्राधिकरण को डीआरडीओ अथवा आईआईटी रुड़की जैसी संस्थाओं आदि की सेवाएं लेने की सलाह दी। संस्थान में ूंसा पद पदजमतअपमू के माध्यम से संविदा पर संकाय सदस्य की भर्ती किए जाने की मंजूरी दी। इसके साथ ही नियुक्त डाक्टर्स को संस्थान में बनाये रखे जाने के लिए उपाय किये जाने को कहा। गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती में आउटसोर्स कर्मचारियों को वरीयता दिलाए जाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने को कहा। शासी निकाय सदस्य बालेश्वर त्यागी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एसजीपीजीआई की तरह जिम्स को विकसित किये जाने की आवश्यकता जतायी जिस पर मुख्य सचिव ने भी उनकी बात से सहमति जताते हुए आवश्यक कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया। संस्थान की जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में प्रदेश के अन्य संस्थानों से सैंपल्स जॉच के लिए भेजे जाने हेतु चिकत्सा शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया। मानकीकरण के अनुसार अतिरिक्त पदों के सृजन का प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा। साथ ही संस्थान के सुचारू संचालन हेतु हर सम्भव मदद के साथ ही आवश्यक बजट उपलब्ध कराए के निर्देश दिए।