महामना और अटल का जीवन राष्ट्र के लिये समर्पित : कलराज मिश्र
महामना और अटल का जीवन राष्ट्र के लिये समर्पित : कलराज मिश्र

नोएडा। भारत रत्न से सम्मानित मां भारती के दो अमर सपूत महामना पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना जीवन देश सेवा और राष्ट्र के लिये समर्पित कर दिया। यह बात राजस्थान के पूर्व राजयपाल एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने दोनों महापुरूषों की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर कलराज मिश्र ने 23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को किसानों को महान नेता बताते हुये अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कलराज मिश्र यहां बुधवार को ग्रेटर नोएडा के अंसल गोल्फ लिंक -1 स्थित द ग्रैंड ओएसिस होटल में राधेश्याम चैरिटबल फांउडेशन के संयोजन में आयोजित “महामानव : युग प्रवर्तकों की पावन स्मृति” आयोजित संगोष्ठी में यह बात कही।कलराज मिश्र ने कहा कि दोनों महापुरूष कवि हृदय, कलम के सिपाही, राष्ट्र सेवा के लिये आजीवन समर्पित, वसूलों के पक्के और सामाजिक समरसता के प्रतीक है। पंडित मदन मोहन मालवीय ने आजादी के निर्णायक भूमिका अदा करने के साथ ही पूरे विश्व को काशी हिन्दू विश्वविवद्यालय के रूप में शिक्षा के केंद्र का उपहार दिया। वहीं अटल जी ने आधुनिक भारत के निर्माण महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के साथ देश को राष्ट्रीय राजमार्ग का उपहार दिया। कलराज मिश्र ने कहा कि परम अटल बिहारी वाजपेयी की शताब्दी जयंती पर पूरा देश नमन कर रहा है। मेरा यह सौभाग्य है कि मुझे उनके साथ काम करने का अवसर मिला और लंबे समय तक उनका सानिध्य एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। मिश्र ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय ने हिन्दू महासभा स्थापना कर देश को जागरूक करने का अभूतपूर्व कार्य किया। उन्होंने अपनी कलम से देश की सेवा की और स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
इस अवसर पर इस अवसर पर राधेश्याम चैरिटेबल फांडेशन के सचिव सौरभ त्रिपाठी ने संगोष्ठी के विषय के संबंध में जानकारी दी और कार्यक्रम का औपाचारिक शुरूआत की। कार्यक्रम का संचालन ऋचा बवेजा ने बेहद कुशलता के साथ किया।इस अवसर पर राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित, आईसीपीआर के सदस्य सचिव आचार्य सच्चिदानंद मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि महामना मदन मोहन मालवीय और श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी दोनों महापुरूष को आधुनिक भारत और विकसित भारत की नींव रखने वाले और स्वप्नद्रष्टा बताया। दोनों महापुरूष समाज के हर वर्ग को साथ लेकर उनकी समान भागीदारी के साथ चलने और आगे बढ़ने में विश्वास करते थे। इस अवसर पर मेदिनी त्रिपाठी, खुर्रम रिजवी, विवेक कुमार पाठक, अंकुर शर्मा, पंडित नवीन गौड़, धर्मेंद्र कटारिया, रणवीर सिंह, वेद प्रकाश उपाध्याय, अतुल तिवारी, राजीव सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।



