जनपद न्यायाधीश व जिलाधिकारी ने जिला कारागार का किया संयुक्त निरीक्षण, की सुधारात्मक व्यवस्थाओं की सराहना
जनपद न्यायाधीश व जिलाधिकारी ने जिला कारागार का किया संयुक्त निरीक्षण, की सुधारात्मक व्यवस्थाओं की सराहना

गौतम बुद्ध नगर।जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने और कारागार की व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी व सुव्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से जनपद न्यायाधीश गौतम बुद्ध नगर अतुल श्रीवास्तव एवं जिलाधिकारी मेधा रूपम ने जिला कारागार का संयुक्त निरीक्षण किया। इससे पूर्व जनपद न्यायाधीश कार्यालय कक्ष में मॉनिटरिंग सेल की बैठक आयोजित की गई, जिसके उपरांत यह स्थलीय निरीक्षण संपन्न हुआ।निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कारागार परिसर स्थित कार्यालय भवन, स्वच्छता इकाई, प्रशिक्षण केंद्र, पुस्तकालय, सांस्कृतिक कक्ष, वर्मी कंपोस्ट निर्माण इकाई, औषधि वाटिका, मधुमक्खी पालन इकाई तथा पपीता, मशरूम, स्ट्रॉबेरी सहित विभिन्न सब्जियों की जैविक खेती से जुड़े कार्यक्रमों का गहन अवलोकन किया। जेल अधीक्षक द्वारा कारागार में संचालित सुधारात्मक, पुनर्वास एवं आत्मनिर्भरता से संबंधित गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी गई।जनपद न्यायाधीश एवं जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बंदियों से संवाद कर उनके अनुभव, कौशल विकास और भविष्य की संभावनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। जनपद न्यायाधीश ने बंदियों को प्रेरित करते हुए कहा कि उपयोगी और रोजगारपरक कौशल उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक होंगे।अधिकारियों ने पुस्तकालय, आर्ट एवं डांस रूम, संगीत कक्ष, कंप्यूटर कक्ष तथा सैलून कक्ष का भी निरीक्षण किया। बंदियों द्वारा प्रस्तुत सिलाई, चित्रकला, गायन, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों को देखकर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की और इन प्रयासों को बंदियों के मानसिक, रचनात्मक और सामाजिक विकास के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।इसके साथ ही कारागार की सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी प्रणाली, आपातकालीन प्रबंधन व्यवस्था और कारागार कर्मियों की कार्यप्रणाली का भी परीक्षण किया गया। अधिकारियों ने कहा कि सतत निगरानी, तकनीकी उन्नयन और कर्मियों की संवेदनशील कार्यशैली कारागार व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ और मानवीय बना रही है।निरीक्षण के दौरान जनपद न्यायाधीश और जिलाधिकारी ने कारागार प्रशासन द्वारा संचालित सुधारात्मक गतिविधियों एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सराहना करते हुए बंदियों के सामाजिक पुनर्वास के लिए निरंतर और प्रभावी प्रयास जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कारागार केवल दंड का स्थान नहीं, बल्कि जीवन को नई दिशा देने का सशक्त माध्यम होना चाहिए।इस अवसर पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम मयंक पाठक, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय रवि सागर, एडिशनल कमिश्नर मुख्यालय अजय कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार, जिला कारागार अधीक्षक बृजेश कुमार, जेलर राजेश कुमार मौर्य, संजय कुमार शाही सहित प्रशिक्षण से जुड़े अधिकारी एवं अन्य कारागार कर्मी उपस्थित रहे।



