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आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनवाने का सुनहरा अवसर, 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक संचालित हो रहा है विशेष आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड अभियान

आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनवाने का सुनहरा अवसर, 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक संचालित हो रहा है विशेष आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड अभियान

अंत्योदय कार्ड धारक, 70 वर्ष से अधिक, राजकीय कर्मचारी, राशन कार्ड धारक पात्रता के आधार पर बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड

सूचीबद्ध अस्पताल या टोल फ्री नंबर के माध्यम से बन सकता है आयुष्मान कार्ड

गौतमबुद्धनगर।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत प्रत्येक परिवार को चिन्हित अस्पतालों में पाँच लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना में परिवार के हर सदस्य का अलग-अलग कार्ड बनाया जाता है, जिससे पाँच लाख तक का लाभ कोई एक व्यक्ति या पूरा परिवार मिलकर ले सकता है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार 25 नवंबर 2025 से 25 दिसंबर 2025 तक आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड का विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान की सफलता के लिए सभी हितधारकों—आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सहायक, कोटेदार, सभी स्कूलों के शिक्षक, प्रधान, सचिव तथा जन सूचना केंद्र संचालक से अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक पात्र परिवारों के कार्ड बनवाने में सहयोग करें। इसके लिए वे आयुष्मान भारत ऐप डाउनलोड करके, ऑनलाइन आवेदन करके, लाभार्थियों को सूचीबद्ध अस्पताल भेजकर या टोल-फ्री नंबर 14555 तथा 1800-1800-4444 पर कॉल करवाकर कार्ड बनवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि योजना के प्रमुख बिंदुओं के अनुसार सभी अंत्योदय कार्ड धारक यानी गुलाबी/लाल राशन कार्ड वाले परिवार शत-प्रतिशत पात्र हैं। इसके साथ ही 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले सभी व्यक्ति तथा उत्तर प्रदेश सरकार के सभी कर्मचारी भी पूर्णतः पात्र श्रेणी में आते हैं। अन्य राशन कार्ड धारक अपनी पात्रता ऑनलाइन चेक कर कार्ड बनवा सकते हैं।उन्होंने कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड और राशन कार्ड आवश्यक दस्तावेजों के संबंध में बताया कि लाभार्थी अपनी पात्रता की जांच आयुष्मान भारत ऐप के माध्यम से, परिवार के किसी शिक्षित सदस्य की सहायता से ऑनलाइन, टोल-फ्री नंबरों पर कॉल करके, नजदीकी सूचीबद्ध अस्पताल में जाकर या जन सूचना केंद्र संचालक की मदद से कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आशा, आंगनवाड़ी, पंचायत सहायक, कोटेदार और स्कूलों के शिक्षक भी इस प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं

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