जीआईएमएस ने संक्रामक रोगों में रियल-टाइम पीसीआर के नैदानिक अनुप्रयोग पर सीएमई और व्यावहारिक कार्यशाला का हुआ आयोजन
जीआईएमएस ने संक्रामक रोगों में रियल-टाइम पीसीआर के नैदानिक अनुप्रयोग पर सीएमई और व्यावहारिक कार्यशाला का हुआ आयोजन

ग्रेटर नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जीआईएमएस) ने 17 नवंबर 2025 को संक्रामक रोगों में रियल-टाइम पीसीआर के नैदानिक अनुप्रयोग पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम और व्यावहारिक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन चिकित्सा अनुसंधान विभाग और वायरस अनुसंधान एवं निदान प्रयोगशाला (वीआरडीएल) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जीआईएमएस के निदेशक डॉ. (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता ने किया, जिन्होंने भारत में संक्रामक रोगों की निगरानी और रोगी देखभाल को सुदृढ़ बनाने में उन्नत आणविक निदान की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया। माइक्रोबायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वरुण गोयल ने बताया कि विविध सत्र प्रतिभागियों को सैद्धांतिक समझ और व्यावहारिक विशेषज्ञता दोनों से सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। सीएमई में प्रतिष्ठित वक्ताओं द्वारा विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए गए, जिनमें जीआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. (ब्रिगेडियर) अजय साहनी, आर एंड आर अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कराडे, डीएचआर आईसीएमआर वैज्ञानिक डॉ. नीतू विजय और जीआईएमएस के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद कौसर नेयाज शामिल थे, जिन्होंने रियल-टाइम पीसीआर सिद्धांत, एचपीवी डायग्नोस्टिक्स, संक्रामक रोग की तैयारी और भारत के सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन लक्ष्यों जैसे विषयों को कवर किया। हैंड्स-ऑन कार्यशाला में प्राइमर डिजाइनिंग, न्यूक्लिक एसिड निष्कर्षण और रियल-टाइम पीसीआर परख निष्पादन में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जीआईएमएस के वैज्ञानिकों और संकाय ने प्रायोगिक वर्कफ़्लो, समस्या निवारण और नैदानिक अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए मॉड्यूल संचालित किए।



