जेवर बना अंतरराष्ट्रीय मेडिकल टेक्नोलॉजी हब – भारत-जापान ने मिलाया हाथ, ग्लोबल टार्गेट: अफ्रीका और मध्य-पूर्व होंगे अगले बाज़ार, 2026 में जापानी कंपनियों का बड़ा दौरा तय
जेवर बना अंतरराष्ट्रीय मेडिकल टेक्नोलॉजी हब – भारत-जापान ने मिलाया हाथ, ग्लोबल टार्गेट: अफ्रीका और मध्य-पूर्व होंगे अगले बाज़ार, 2026 में जापानी कंपनियों का बड़ा दौरा तय

ग्रेटर नोएडा । यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए) के मेडिकल डिवाइसेस पार्क में गुरुवार को भारत और जापान के बीच मेडटेक (Medical Technology) सेक्टर में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दोनों देशों के शीर्ष अधिकारी, उद्योगपति और मेडिकल डिवाइस सेक्टर के विशेषज्ञ शामिल हुए। उद्देश्य था — जापानी कंपनियों के लिए निवेश और तकनीकी सहयोग के अवसर तलाशना। बैठक के दौरान वाईईआईडीए के अधिकारियों ने मेडिकल डिवाइसेस पार्क (एमडीपी) का विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया।bयह पार्क भारत सरकार द्वारा अनुमोदित तीन प्रमुख मेडिकल डिवाइस पार्कों में से एक है, जो 350 एकड़ भूमि पर फैला है। इसकी कुल परियोजना लागत ₹440 करोड़ है, जिसमें केंद्र सरकार का ₹100 करोड़ का विशेष सहयोग शामिल है।अब तक 101 मेडिकल डिवाइस कंपनियों को भूमि आवंटित की जा चुकी है और करीब 90% बुनियादी ढांचा कार्य पूरा हो चुका है। यह पार्क रेडियोलॉजी, कार्डियो-श्वसन उपकरण, कैंसर केयर, रेडियोथेरेपी, इम्प्लांट्स और इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स जैसे आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन पर केंद्रित है।वाईईआईडीए का मेडिकल डिवाइसेस पार्क नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) से केवल 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह लोकेशन इसे देश-विदेश के निवेशकों के लिए आदर्श हब बनाती है। यहां निवेशकों को मिलती हैं ये सुविधाएं जिनमें विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, पूंजी ब्याज सब्सिडी और एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, ईपीएफ और रोजगार प्रोत्साहन योजनाएं,कौशल विकास सहायता 100% स्टाम्प ड्यूटी छूट।इन प्रोत्साहनों के साथ वाईईआईडीए ने निवेशकों के लिए ऐसा वातावरण तैयार किया है, जो “मेक इन इंडिया” को सशक्त करता है और “मेड इन इंडिया, मेड फॉर वर्ल्ड” के विजन को साकार करता है।बैठक की अध्यक्षता वाईईआईडीए के सीईओ राकेश कुमार सिंह (आईएएस ) ने की, जबकि सह-अध्यक्षता शैलेन्द्र कुमार भाटिया (ओएसडी OSD, यीडा ) ने की। जापान की ओर से मेडिकल एक्सीलेंस जापान के सीईओ केंजी शिबुया ने प्रतिनिधित्व किया। दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, को-मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और ग्लोबल मार्केट एक्सपेंशन पर गहन चर्चा की।जापानी प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त विनिर्माण में गहरी रुचि व्यक्त की, विशेष रूप से उन कंपनियों के साथ जो पहले से इस पार्क में सक्रिय हैं।जापानी डेलिगेशन ने बैठक के बाद कृष बायोमेडिकल्स के विनिर्माण संयंत्र का भी दौरा किया। यह मेडिकल डिवाइसेस पार्क की पहली ऐसी इकाई है जिसने पूर्ण उत्पादन शुरू कर दिया है। जापानी टीम ने इस संयंत्र में स्थापित अत्याधुनिक तकनीक और गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली की सराहना की।पार्क में मौजूद अन्य कंपनियों जैसे पॉलीमेड, डेस्को, स्योन मेडिकल और मेडिसिस ने भी अपने अनुभव साझा किए। इन कंपनियों ने बताया कि YEIDA ने उन्हें समय पर सुविधाएं, पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट देकर एक ‘इन्वेस्टर-फ्रेंडली मॉडल’ स्थापित किया है।बैठक के दौरान यीडा ने एक और बड़ा ऐलान किया –
जेवर एयरपोर्ट के नज़दीक 500 एकड़ के जापानी सिटी प्रोजेक्ट की योजना। यह प्रोजेक्ट जापान और भारत के बीच न केवल औद्योगिक बल्कि सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करेगा। यहां जापानी कंपनियों के लिए समर्पित क्षेत्र, शोध केंद्र, और स्मार्ट इंडस्ट्रियल हब बनाए जाएंगे।मीटिंग में यह भी तय हुआ कि भारत और जापान की संयुक्त मेडटेक इकाइयाँ केवल घरेलू ही नहीं, बल्कि अफ्रीका और मध्य-पूर्व के देशों में भी अपनी तकनीक और उत्पादों का निर्यात करेंगी। यह सहयोग “मेड इन इंडिया एंड जापान” ब्रांड को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगा।बैठक के अंत में यह घोषणा की गई कि मेडिकल एक्सीलेंस जापान (MEJ) जनवरी/फरवरी 2026 में एक बड़े जापानी प्रतिनिधिमंडल को YEIDA मेडिकल डिवाइस पार्क लेकर आएगा। यह टीम यहां भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी, निवेश और उत्पादन समझौतों पर विस्तृत चर्चा करेगी।सीईओ राकेश कुमार सिंह बोले – यीडा बनेगा मेडटेक इनोवेशन का ग्लोबल गेटवे”।वाईईआईडीए के सीईओ राकेश कुमार सिंह (IAS) ने कहा “भारत और जापान का यह सहयोग केवल निवेश का नहीं, बल्कि नवाचार का पुल है। YEIDA मेडिकल डिवाइस पार्क आने वाले समय में मेडटेक इनोवेशन का ग्लोबल गेटवे बनेगा। यहां से तैयार उपकरण न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के स्वास्थ्य सिस्टम को सशक्त करेंगे।”
यह बैठक भारत-जापान संबंधों में हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी के नए अध्याय की शुरुआत थी। जहां भारत अपनी उत्पादन क्षमता और मानव संसाधन लेकर आया, वहीं जापान ने तकनीकी विशेषज्ञता और विश्वसनीय गुणवत्ता मानकों की ताकत पेश की। दोनों का यह संगम भविष्य में जेवर को “एशिया का मेडिकल इनोवेशन हब” बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।



