इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा। “दुनिया का सबसे खूबसूरत मेला” आज से शुरू । तरुण राठी, उपाध्यक्ष, फिल्म विकास परिषद (राज्य मंत्री रैंक), उत्तर प्रदेश सरकार और फिल्म निर्माता एवं अध्यक्ष – प्रवासी संघ (एनजीओ) ने आईएचजीएफ दिल्ली मेला- ऑटम 2025 का किया उद्घाटन
इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा। “दुनिया का सबसे खूबसूरत मेला” आज से शुरू
तरुण राठी, उपाध्यक्ष, फिल्म विकास परिषद (राज्य मंत्री रैंक), उत्तर प्रदेश सरकार और फिल्म निर्माता एवं अध्यक्ष – प्रवासी संघ (एनजीओ) ने आईएचजीएफ दिल्ली मेला- ऑटम 2025 का किया उद्घाटन
रामवीर सिंह, विधायक, कुंदरकी (मुरादाबाद) और डॉ. एवगेनी ग्रिविया, उप व्यापार आयुक्त, उद्योग एवं व्यापार मंत्रालय, रूसी संघ, अपनी गरिमामयी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई ।
मेले के पहले दिन भारत के प्रमुख बाजारों से बड़ी संख्या में खरीदारों का स्वागत
5 दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय मेले की खासियतें — 3000+ प्रदर्शक, 16 डिसप्ले सेगमेंट, 110 से अधिक देशों के पहले से रजिस्टर खरीदार, थीम एरिया, क्षेत्रीय शिल्प, नॉलेज सेमिनार और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
दिल्ली/एनसीआर- 13 अक्टूबर 2025- हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद 60वें आईएचजीएफ दिल्ली मेला-ऑटम 2025 का आयोजन 13 से 17 अक्टूबर 2025 तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में हो रहा हैl मेले का उद्घाटन आज तरुण राठी, उपाध्यक्ष, फिल्म विकास परिषद (राज्य मंत्री रैंक), उत्तर प्रदेश सरकार और फिल्म निर्माता एवं अध्यक्ष – प्रवासी संघ (एनजीओ) ने किया। इस मौके पर रामवीर सिंह, विधायक, कुंदरकी (मुरादाबाद) और डॉ. एवगेनी ग्रिविया, उप व्यापार आयुक्त, रूसी संघ के उद्योग और व्यापार मंत्रालय भी मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश सरकार में फिल्म विकास परिषद (राज्य मंत्री स्तर) के उपाध्यक्ष तरुण राठी ने ने भारत की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत का जश्न मनाने वाले इस विश्व स्तर पर प्रशंसित मंच का हिस्सा बनने पर गर्व व्यक्त किया और मेले को एक प्रमुख सोर्सिंग गंतव्य में बदलने के लिए ईपीसीएच को बधाई दी, जिसने वैश्विक खरीदारों, डिजाइनरों और उद्योग के नेताओं को आकर्षित किया। मेले में रूस और चीन के खरीदारों की उपस्थिति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की तुलना में अमेरिका द्वारा चीन पर दोगुना टैरिफ लगाने से न केवल अमेरिकी खरीदार भारत से अपनी सोर्सिंग बढ़ाने के लिए प्रेरित हुए हैं, बल्कि यह भारतीय निर्यातकों के लिए चीन को एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में पूरा करने के व्यापक द्वार भी खोलता है।
कुंदरकी (मुरादाबाद) के विधायक रामवीर सिंह ने यह जानकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि इस मेले में प्रदर्शित किए जा रहे 40% उत्पाद मुरादाबाद क्षेत्र से हैं।
रूसी संघ के उद्योग और व्यापार मंत्रालय के उप-व्यापार आयुक्त डॉ. एवगेनी ग्रिविया ने आईएचजीएफ दिल्ली मेले को हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ठ माध्यम बताया और कहा कि यह मेला खरीदारों को विभिन्न खंडों में नवाचार युक्त उत्पादों को अपने-अपने बाजारों के अनुसार खोजने का अवसर प्रदान करता है। यह जानकारियों को साझा करने, प्रेरणा लेने और नेटवर्किंग का भी एक महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि, “भारत और रूस 70 साल पुराने व्यापारिक संबंध साझा करते हैं। हालांकि कुछ वर्ष इन रिश्तों में कमियां आईं पर अब हम फिर से एक मजबूत शुरुआत कर रहे है और उल्लेखनीय वृद्धि देख रहे हैं। हम इन दोनों देशों के सक्षम नेतृत्व में इस साझेदारी को पूरी तरह से साकार करने की वास्तविक क्षमता देखते हैं, और हम चाहते हैं कि भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र इस विस्तार का हिस्सा बने। हम अपने भारतीय समकक्षों को रूस में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों में आने का निमंत्रण देते हैं दौरा करने के लिए आमंत्रित करते हैं, क्योंकि नए भू-राजनीतिक घटनाक्रम हमारे द्विपक्षीय व्यापार के लिए एक आशाजनक युग की शुरुआत करने वाले हैं।”
सभी गणमान्य व्यक्तियों ने प्रदर्शनी हॉल का भी दौरा किया और प्रतिभागियों से बातचीत की। उन्होंने प्रदर्शनी के आकार और बेहतरीन विजुअल मर्चेंडाइजिंग के माध्यम से प्रदर्शित किए गए उत्पादों की विविधता की सराहना की, जो सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों के शोरूमों की शोभा बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
आईएचजीएफ दिल्ली मेला- ऑटम 2025 के उद्घाटन समारोह में ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना, ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार, ईपीसीएच के उपाध्यक्ष सागर मेहता, ईपीसीएच के मुख्य संयोजक अवधेश अग्रवाल, आईएचजीएफ दिल्ली मेला- ऑटम 2025 के अध्यक्ष रजत अस्थाना, आईएचजीएफ दिल्ली मेला- ऑटम 2025 के उपाध्यक्ष सिमरनदीप सिंह कोहली, रोहित ढल और मोहित चोपड़ा, ईपीसीएच के सीओए सदस्य, ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा और अन्य प्रमुख विदेशी खरीदार, भारत के खरीद एजेंट्स और साथ ही ईपीसीएच के प्रमुख सदस्य निर्यातक भी उपस्थित थे। आईएचजीएफ के इस संस्करण में 3,000 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं, जो 16 समर्पित हॉल में होम, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्निशिंग, फर्नीचर और इंटीरियर उत्पादों का विस्तृत प्रदर्शन कर रहे हैं। हॉल्स में प्रदर्शनी स्टॉल्स के अलावा, आगंतुकों के लिए इंडिया एक्सपो सेंटर की विभिन्न मंजिलों पर मौजूद 900 मार्ट/स्थायी शोरूमों भी खुले हैं, जिन्हें खासतौर पर सोर्सिंग के इन दिनों के लिए सजाया और नया रूप दिया गया है।
अपने स्वागत भाषण में, ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा, “आईएचजीएफ दिल्ली मेले के इस 60वें संस्करण में सभी प्रतिभागियों का स्वागत करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। इस खास अवसर को मनाने के लिए, इस मेले को एक नए और आकर्षक स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है। इस मेले में कई सुधार और बदलाव हमारे समिति के सदस्यों के सहयोग से संभव हुए हैं, और मैं इसके लिए ईपीसीएच की टीम की सराहना करता हूं जिन्होंने मेले को बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक तरीके से पेश किया है। यह संस्करण हमारी गौरवपूर्ण यात्रा को आगे बढ़ाता है और भारत के कुछ बेहतरीन हस्तशिल्पों के प्रदर्शन का एक मजबूत मंच प्रदान करता है। मेले का हर एक संस्करण नए व्यावसायिक अवसरों को जन्म देते रहे हैं और खरीदारो के साथ नए संबंध बनाते रहे हैं और साथ ही यहां उत्पादों के रेंज में लगातार वृद्धि होती रही है।”
मेले में खरीदारों की भागीदारी पर उन्होंने कहा, “हाल के महीनों में, ईपीसीएच प्रतिनिधिमंडलों ने प्रमुख यूरोपीय मेलों में भाग लिया है, अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से जुड़े हैं, उनमें से कइयों ने इस संस्करण में शामिल होने के हमारे निमंत्रण को स्वीकार किया है। कुछ अंतरराष्ट्रीय मेला आयोजकों ने भी बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाने वाले इस शो में भारत के विनिर्माण क्षेत्र की क्षमताओं को देखने के लिए आने में अपनी रुचि दिखाई है। हमें खरीदारों की अब तक की रजिस्ट्रेशन संख्या देख कर प्रसन्नता हो रही है। आज 100 देशों के 3,000 खरीदारों ने रजिस्ट्रेशन कराया, जो मेले की वैश्विक लोकप्रियता और भारतीय हस्तशिल्प में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। मेले में देश भर से थोक खरीदार व्यापार करने आ रहे हैं। हस्तशिल्प पर जीएसटी घटने से उन्हें मदद मिल रही है, इससे देश के भीतर व्यापार के विस्तार में भी मदद मिलेगी।”
डॉ. खन्ना ने यह भी कहा कि चीन से आयात पर अमेरिका अतिरिक्त आयात शुल्क लगा रहा है जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए एक बड़ा अवसर बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा, “हम इस बदलाव का लाभ उठाने के लिए अमेरिकी खरीदारों के सम्पर्क में हैं क्योंकि चीन पर बढ़े हुए शुल्क से भारत से मांग बढ़ सकती है, इससे भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर पैदा होंगे और निर्यात के पर्याप्त अवसर खुलेंगे।”
ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। मुख्य अतिथि के फिल्म उद्योग से जुड़ाव का विशेष उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि इस मेले में तरुण राठी जी मौजूद हैं। जेवर हवाई अड्डे के पास बनने वाली फिल्म सिटी से हस्तशिल्प उद्योग को भी लाभ होगा, क्योंकि हमारे उत्पादक फिल्म सेट्स के लिए प्रॉप्स की आपूर्ति के अवसर पाएंगे।”
मेले और वर्तमान बदलते व्यावसायिक माहौल पर उन्होंने कहा, “हमें इन बदलावों के साथ तालमेल बिठाने और उनका सामना करने के लिए मिलकर काम करना होगा। 60 साल पुराने आईएचजीएफ दिल्ली मेले की तरह हमारे कई निर्यातक अपने वरिष्ठ नागरिक वाले सुनहरे दौर में हैं, उनके अनुभव का लाभ उठाकर हम अगली पीढ़ी को नए व्यापार के माहौल में सफल होने के लिए मार्गदर्शन दे सकते हैं। यह मेला अपने 60वें संस्करण का जश्न मना रहा है, इसके बावजूद इसमें एक उत्साही युवा मेले की ऊर्जा बरकरार है, जो हर संस्करण के साथ अपने पैमाने और कद में बढ़ता जा रहा है। हमारे खरीदार मेला स्थल पर आते ही इस उत्साह को महसूस करते हैं।”
इस विचार की पुष्टि करते हुए ईपीसीएच के उपाध्यक्ष सागर मेहता ने कहा, “आईएचजीएफ दिल्ली मेले में हमारे प्रदर्शकों ने उत्पाद डिजाइन और विकास में काफी मेहनत की है, ताकि उनके उत्पाद बदलते बाजार के ट्रेंड और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की पसंद को दर्शा सकें। नवाचार और गुणवत्ता पर रखे गए इस ध्यान को दुनिया भर से यहां पहुंचे दर्शकों ने सराहा। मेले के पहले ही दिन अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से मिली ऐसी उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं इस संस्करण के प्रति सकारात्मक भावना को और बढ़ा रही है, जो भारत के प्रमुख रिटेल और ऑनलाइन ब्रांड्स के नए और पुराने, दोनों आगंतुकों द्वारा महसूस किया जा रहा है। यह मेले की हस्तशिल्प उत्कृष्टता और आधुनिक कलेक्शंस के लिए एक महत्वपूर्ण सोर्सिंग मंच के रूप इसके महत्व को और मजबूत करता है।”
आईएचजीएफ दिल्ली मेले के 60वें माइलस्टोन संस्करण में सबका स्वागत करते हुए ईपीसीएच के मुख्य संयोजक अवधेश अग्रवाल ने कहा, “यह आयोजन देश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित व्यापार मेलों में से एक के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है—हमारे सदस्य निर्यातकों की उद्यमशीलता और रचनात्मकता का प्रमाण है, जिन्होंने लगभग तीन दशकों से अपनी उत्कृष्ट कारीगरी और अनोखे उत्पाद विश्व के सामने प्रस्तुत किए हैं। इसका समान रूप श्रेय अंतरराष्ट्रीय खरीदार समुदाय को भी जाता है, जिनके विश्वास और लगातार भागीदारी ने पिछले 30 वर्षों में इस मंच को मजबूत किया है।”
आईएचजीएफ दिल्ली मेला- ऑटम 2025 के अध्यक्ष रजत अस्थाना ने कहा, “यह मेला नए उद्यमों को बढ़ावा देने के साथ-साथ कारीगरों और निर्यातकों को साहसिक, डिजाइन पर आधारित कलेक्शन पेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के हमारे नजरिए को भी दर्शाता है। आईएचजीएफ दिल्ली मेले के अनुभव में गहराई और प्रामाणिकता जोड़ते हुए, अगले तीन दिनों में बियॉन्ड सीजन्स: ट्रेंड्स फॉर नेक्स्ट जेनरेशन; और मेकर टू मार्केट: डिकोडिंग ब्रांड नैरेटिव, विजुअल मर्चेंडाइजिंग एंड रिटेलिंग पर पैनल डिस्कशन आयोजित की जाएंगी और साथ ही सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे, जैसे ‘निर्यातकों के लिए डिजिटलीकरण: प्रेजेंटेशन और डिजाइन मॉकअप में एआई का उपयोग’; “स्थानीय कैश एंड कैरी से ग्लोबल सप्लाई चेन तक”; “अन्य प्रतिस्पर्धी बाजारों द्वारा अपनाई गई श्रेष्ठ औद्योगिक प्रथाएं”; और “खर्च कम करने के लिए तकनीक को कैसे अपनाएं”. इनमें उद्योग जगत के जानेमाने एक्सपर्ट्स भाग लेंगे। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने कहा, “आईएचजीएफ दिल्ली मेले में तीन दशकों से भी अधिक समय से सक्रिय भागीदारी इस बात का सबूत है कि अंतरराष्ट्रीय खरीदारों का लगातार विश्वास बना हुआ है। इस संस्करण की शुरुआत खरीदारों के रजिस्ट्रेशन, चहल-पहल वाले हॉल और सार्थक व्यावसायिक गतिविधियों के साथ उत्साहपूर्ण रही। मेले में 110 से अधिक देशों के विदेशी खरीदारों के साथ-साथ भारत के प्रमुख खुदरा और ऑनलाइन ब्रांडों के नियमित और नए आगंतुकों के आने की उम्मीद है।”
करण जेठवानी, डी कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, सुनील गुप्तासमेत वरिष्ठ और अनुभवी सदस्य निर्यातकों को ईपीसीएच प्रीविलेज कार्ड्स दिए गए, जो परिषद के साथ उनके अहम जुड़ाव का प्रतीक है। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) देश से हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और देश के विभिन्न शिल्प कल्स्टर में होम, लाइफस्टाइल, फर्नीचर, इंटीरियर एक्सेसरीज, टेक्स्टाइल, फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज, गिफ्ट और अन्य उत्पादों को बनाने में लगे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड इमेज बनाने में लगी एक नोडल संस्थान है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने आगे बताया कि साल 2024-25 के दौरान कुल हस्तशिल्प निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का रहा था।