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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस समारोह एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस समारोह एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

ग्रेटर नोएडा ।अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ (International Buddhist Confederation – IBC) द्वारा गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (GBU), ग्रेटर नोएडा तथा अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान (Antarashtriya Bauddh Sodh Sansthan), लखनऊ के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस समारोह एवं दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 6–7 अक्टूबर 2025 को किया जा रहा है। यह आयोजन अभिधम्म दिवस के पावन अवसर पर होगा, जो उस ऐतिहासिक घटना की स्मृति में मनाया जाता है जब भगवान बुद्ध त्रायस्त्रिंश देव लोक (Tāvatiṃsa-devaloka) से संकश्या (वर्तमान फ़र्रुखाबाद ज़िले के संकिसा बसंतपुर) अवतरित हुए थे। यह दिवस बुद्ध के करुणामय अवतरण और उनके द्वारा अभिधम्म के गूढ़ ज्ञान के उपदेश की याद दिलाता है — वह शिक्षण जो आज भी चेतना, दर्शन और करुणा के अध्ययन को आलोकित करता है।

पिछले चार वर्षों में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ ने अभिधम्म दिवस को एक वैश्विक प्रमुख आयोजन के रूप में प्रतिष्ठित किया है। वर्ष 2021 में यह उत्सव कुशीनगर में प्रधानमंत्री की उपस्थिति में मनाया गया था। वर्ष 2023 में यह आयोजन गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में हुआ, जो विपश्यना आचार्य डॉ. सत्य नारायण गोयनका की जन्मशताब्दी को समर्पित था। वर्ष 2024 में यह समारोह पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ, पुनः माननीय प्रधानमंत्री की उपस्थिति में। अब वर्ष 2025 में यह आयोजन पुनः GBU में आयोजित होगा, जिसमें अभिधम्म को बौद्ध दर्शन के विश्लेषणात्मक आधार के रूप में पाठ, परम्परा एवं समकालीन दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाएगा।इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में तृतीय खेन्चेन रिनपोछे, द्रिकुंग काग्यू परंपरा के प्रमुख आचार्य उपस्थित रहेंगे। उनका जन्म 1975 में लद्दाख में हुआ, नौ वर्ष की आयु में उन्होंने लमायुरु मठ में दीक्षा ली तथा बाद में द्रिकुंग काग्यू संस्थान, देहरादून में त्रिपिटक और काग्यू परंपरा का गहन अध्ययन किया। मुख्य वक्ता होंगे प्रोफेसर उमाशंकर व्यास, सुप्रसिद्ध पाली एवं संस्कृत विद्वान, नव नालंदा महाविहार के पूर्व निदेशक तथा राष्ट्रपति सम्मान प्रमाणपत्र एवं महर्षि बदरायण व्यास सम्मान (2019) से सम्मानित विद्वान।

अभिधम्म दिवस 2025 समारोह की प्रमुख विशेषताएँ होंगी – 6 अक्टूबर को उद्घाटन समारोह, प्रो. उमाशंकर व्यास का मुख्य व्याख्यान, तथा भिक्षु संघ द्वारा धम्मसंगणी मातिका का पारायण। 7 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होगा जिसमें भारत और विदेशों से प्राप्त 70 शोध सारांशों में से 40 चयनित शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इस आयोजन में 7 देशों और 11 भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। विद्वानों, भिक्षुओं, साधकों एवं विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता इस सम्मेलन की विशेषता होगी।

कार्यक्रम में आईबीसी प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा जिसमें बौद्ध कला, प्राचीन पांडुलिपियाँ एवं अभिधम्म ग्रंथ प्रदर्शित होंगे। साथ ही, आईबीसी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रदर्शित की जाएगी जो अभिधम्म की विरासत एवं उसके दार्शनिक आयामों पर आधारित है।

यह आयोजन चिंतन एवं संवाद का वैश्विक मंच प्रदान करेगा जिसका उद्देश्य बौद्ध दर्शन पर अंतर्विषयी संवाद को प्रोत्साहित करना, पाली साहित्य के अध्ययन को बढ़ावा देना तथा अभिधम्म की विश्लेषणात्मक दृष्टि से चेतना, नैतिकता और सजगता (mindfulness) पर समकालीन विमर्श को समृद्ध करना है।अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ इस आयोजन के माध्यम से बुद्ध की कालातीत शिक्षाओं के संरक्षण और प्रसार के अपने संकल्प को पुनः पुष्ट करता है तथा भारत की उस धम्मभूमि की परंपरा को सम्मानित करता है जिसने विश्व को शांति, ज्ञान और करुणा का मार्ग प्रदान किया है।

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