GautambudhnagarGreater noida news

एक्यूरेट कॉलेज ऑफ लॉ, ग्रेटर नोएडा में “भारतीय न्यायपालिका प्रणाली एवं संविधान” विषय पर एक भव्य एवं ज्ञानवर्धक संगोष्ठी का हुआ आयोजन

एक्यूरेट कॉलेज ऑफ लॉ, ग्रेटर नोएडा में “भारतीय न्यायपालिका प्रणाली एवं संविधान” विषय पर एक भव्य एवं ज्ञानवर्धक संगोष्ठी का हुआ आयोजन

ग्रेटर नोएडा ।एक्यूरेट कॉलेज ऑफ लॉ, ग्रेटर नोएडा ने 24 सितम्बर 2025 (बुधवार) को प्रातः 10:30 बजे कॉलेज परिसर में “भारतीय न्यायपालिका प्रणाली एवं संविधान” विषय पर एक भव्य एवं ज्ञानवर्धक संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह संगोष्ठी न केवल शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, बल्कि छात्रों को न्यायपालिका एवं संविधान की गहराई से समझ प्रदान करने में भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई।इस अवसर पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राजेश टंडन, पूर्व न्यायाधीश, उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए गए। उनके गरिमामयी आगमन ने इस संगोष्ठी की शोभा में चार चाँद लगा दिए। अपने विचारोत्तेजक संबोधन में माननीय न्यायमूर्ति टंडन ने भारतीय न्यायपालिका की संरचना एवं उसकी भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने संविधान की महत्ता पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि यह केवल एक कानूनी दस्तावेज भर नहीं है, बल्कि देश की आत्मा एवं लोकतंत्र की रीढ़ है। उन्होंने छात्रों को समझाया कि एक विधि विद्यार्थी का प्रथम कर्तव्य न्याय की रक्षा करना है तथा समाज के प्रत्येक वर्ग तक न्याय पहुँचाना है। टंडन ने विशेष रूप से इस तथ्य पर बल दिया कि न्यायिक व्यवस्था का लाभ समाज के कमजोर, गरीब और वंचित वर्गों तक पहुँचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय प्राप्त नहीं होता, तब तक न्यायपालिका का उद्देश्य अधूरा रहता है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए यह भी कहा कि आने वाले समय में वही विधि विद्यार्थी सच्चे अर्थों में समाज का पथप्रदर्शक बनेंगे, जो न्याय और नैतिकता को अपने जीवन का मूलमंत्र बनाएंगे।सत्र की अध्यक्षता चेयरमैन समूह निदेशक, निदेशक (कानून), निदेशक (प्रबंधन) तथा उपाध्यक्ष (प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट) द्वारा की गई। सभी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इस संगोष्ठी को और भी गरिमामयी बना दिया।इस संगोष्ठी में बी.ए. एलएल.बी. (प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर) तथा एलएल.बी. (प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर) के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विधि विभाग के सभी प्राध्यापक भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। छात्रों ने पूरे मनोयोग से संगोष्ठी को सुना और अपने प्रश्नों के माध्यम से न्यायमूर्ति टंडन से संवाद भी किया। इस संवादात्मक वातावरण ने न केवल छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान किया, बल्कि उन्हें न्यायपालिका और संविधान के व्यावहारिक पहलुओं से भी अवगत कराया।संगोष्ठी ने छात्रों को यह गहन समझ प्रदान की कि संविधान केवल एक विधिक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह समानता, न्याय और स्वतंत्रता का प्रतीक है। न्यायपालिका की कार्यप्रणाली तथा सभी नागरिकों को न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस शैक्षणिक आयोजन ने छात्रों के बौद्धिक विकास में एक नई दिशा प्रदान की और उनके युवा मस्तिष्कों पर स्थायी प्रभाव छोड़ा।इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) बी.के. यादव, निदेशक, एक्यूरेट कॉलेज ऑफ लॉ ने माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राजेश टंडन का उनके बहुमूल्य विचारों एवं अनुभवों को साझा करने हेतु हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति टंडन का अनुभव और मार्गदर्शन छात्रों के लिए एक अमूल्य धरोहर है, जो उनके भविष्य के विधिक करियर में सहायक सिद्ध होगा। साथ ही, उन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों, प्राध्यापकों एवं छात्रों को इस संगोष्ठी को सफल बनाने हेतु हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।इस प्रकार, यह संगोष्ठी एक सफल शैक्षणिक आयोजन के रूप में यादगार बन गई, जिसने छात्रों को संविधान और न्यायपालिका के महत्व की गहरी समझ प्रदान की और उन्हें समाज में न्याय की स्थापना हेतु प्रेरित किया

Related Articles

Back to top button