शारदा विश्वविद्यालय में आंतरिक हैकाथॉन का हुआ आयोजन
शारदा विश्वविद्यालय में आंतरिक हैकाथॉन का हुआ आयोजन
ग्रेटर नोएडा।नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग साइंस एंड इंजीनियरिंग ने आंतरिक हैकाथॉन का शुभारंभ हुआ। यह आयोजन प्रतिष्ठित स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (SIH) का प्रवेश द्वार है। 400 से ज्यादा टीमों ने मूल्यांकनकर्ताओं के एक प्रतिष्ठित पैनल के सामने अपने अभूतपूर्व विचार प्रस्तुत किए। पहले दिन की कड़ी प्रस्तुतियों के पहले दौर के बाद 100 टीमें अगले चरण में पहुंची। जिनमें से 50 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीमें एसआईएच पोर्टल पर प्रस्तुतिकरण देंगी, जिनका लक्ष्य एसआईएच ग्रैंड फ़िनाले में एक प्रतिष्ठित स्थान हासिल करना होगा।इस कार्यक्रम में प्रख्यात शिक्षाविदों और मार्गदर्शकों की उपस्थित रहे। हैकाथॉन रचनात्मकता और समस्या-समाधान का केंद्र बन गया, जहां सैकड़ों युवा नवप्रवर्तक वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित समाधान सुझाने के लिए समय के साथ दौड़ रहे है।शारदा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन को एक परिवर्तनकारी मंच बताया जो कक्षा में सीखने को वास्तविक जीवन की समस्या-समाधान से जोड़ता है। उन्होंने छात्रों को आलोचनात्मक रूप से सोचने, साहसपूर्वक नवाचार करने और राष्ट्रीय मुद्दों के समाधान के लिए सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर डॉ परमानंद ने कहा इस तरह के आयोजन न केवल नवाचार की परीक्षा लेते है वे जुनून को भी जगाते हैं। हमारे छात्रों ने दिखाया है कि सही मंच के साथ, वे उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं। इसी बात को दोहराते हुए स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग साइंस एंड इंजीनियरिंग की डीन डॉ गीता गणेशन ने कहा प्रतिभागियों और समन्वयकों, दोनों के समर्पण ने हमारे विश्वविद्यालय के लिए उत्कृष्टता के एक नए मानक स्थापित किए हैं। शारदा विश्वविद्यालय ने नवाचार, रचनात्मकता और समस्या-समाधान उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के अपने मिशन की पुष्टि की – जो बेहतर कल के लिए तकनीक-संचालित समाधान बनाने के SIH के दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से संरेखित है। इस दौरान डॉ सुदीप वार्ष्णेय, डॉ. रजनीश कुमार सिंह,आशीष जैन, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. रानी अस्त्य, डॉ. शिखा वर्मा, दुर्गेश कुमार, आंचल विज, जितेंद्र सिंह, डॉ रमनीत, डॉ यज्ञेश गोदियाल, खुशवंत विरदी, आशीष कुमार,कामिनी और मेखला, जिनके मार्गदर्शन और मूल्यांकन ने प्रतिभागियों को उनके विचारों और समस्या-समाधान के तरीकों को और अधिक निखारने के लिए प्रेरित किया।