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ग्रेटर नोएडा होगा और हरा-भरा, एनपीसीएल ने शुरू किया अभियान, “मियावाकी तकनीक” से एक हफ्ते में एनपीसीएल की ओर से लगाए जाएंगे 10000 पौधे

ग्रेटर नोएडा होगा और हरा-भरा, एनपीसीएल ने शुरू किया अभियान, “मियावाकी तकनीक” से एक हफ्ते में एनपीसीएल की ओर से लगाए जाएंगे 10000 पौधे

ग्रेटर नोएडा।पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी निरंतर प्रतिबद्धता के तहत नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (NPCL) ने ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-10 में एक मिनी अर्बन फॉरेस्ट विकसित करने की पहल की है। एनजीओ ‘SAY EARTH’ के सहयोग से शुरू किया गया ये अभियान एनपीसीएल के सीएसआर कार्यक्रम “प्रोजेक्ट संजीवनी” का हिस्सा है। एनपीसीएल की इस पहल का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों को हरा-भरा बनाना, जैव विविधता को बढ़ावा देना और स्थानीय समुदाय के लिए स्वस्थ वातावरण तैयार करना है।

ये अर्बन फॉरेस्ट जो एक एकड़ क्षेत्र में है, इसे “मियावकी तकनीक” से विकसित किया जाएगा। इस तकनीक से घना और तेजी से बढ़नेवाला जंगल तैयार होता है, जिससे जैव विविधता को बड़ा सहारा मिलता है। इस प्रोजेक्ट के तहत एनपीसीएल की ओर से अगले एक हफ्ते में 10000 स्थानीय प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे जिसमें एनपीसीएल के कर्मचारियों के अलावा, एनपीसीएल के उपभोक्ता, स्थानीय स्कूली बच्चे और एनजीओ ‘SAY EARTH’ के वॉलंटियर्स शामिल होंगे।

बुधवार को एनपीसीएल के एमडी और सीईओ पी आर कुमार ने कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एनजीओ ‘SAY EARTH’ के संस्थापक और “पॉन्ड मैन ऑफ इंडिया” के नाम से मशहूर रामवीर तंवर के साथ मिलकर 100 पौधे लगाकर इस परियोजना का शुभारंभ किया।

“मियावाकी तकनीक” के तहत पौधों को पास-पास और अलग-अलग प्रजातियों में लगाया जाता है, जिससे वे तेजी से बढ़ते हैं और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र जल्दी तैयार हो जाता है। जापानी वैज्ञानिक डॉ. अकीरा मियावाकी द्वारा विकसित यह पद्धति आज पूरी दुनिया में जैव विविधता को पुनर्जीवित करने और शहरी पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए जानी जाती है।एनपीसीएल के प्रयास से अगले तीन-चार सालों में 1 एकड़ का ये खाली जमीन हरे-भरे जंगल में बदल जाएगा, जिससे हर साल लगभग 200-300 CO₂ टन का अवशोषण होगा। ये पहल न केवल जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करेगी बल्कि स्थानीय लोगों को प्रकृति से जोड़कर पर्यावरण संरक्षण की सामूहिक भावना को भी मजबूत करेगी।अपने सीएसआर कार्यक्रम ‘प्रोजेक्ट संजीवनी’ के तहत एनपीसीएल पहले भी कई पर्यावरणीय पहल कर चुका है। इसी साल मार्च में कंपनी ने SAFE NGO के साथ मिलकर सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा (वेस्ट) में एक एकड़ के सूखे तालाब को पुनर्जीवित किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत ताबाल के चारों ओर 1500 से अधिक पौधे लगाए गए हैं, इससे जहां हर साल लगभग 41 लाख लीटर पानी का संरक्षण संभव होगा वहीं स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र भी मजबूत होगा।

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