आपकी लाइफस्टाइल से जुड़ी ये 5 आदतें, बढ़ा सकती हैं Infertility का रिस्क, तुरंत कर लें इनमें सुधार। डॉ सलमा बानो
आपकी लाइफस्टाइल से जुड़ी ये 5 आदतें, बढ़ा सकती हैं Infertility का रिस्क, तुरंत कर लें इनमें सुधार। डॉ सलमा बानो
ग्रेटर नोएडा।आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या से कई लोग परेशान हैं। इस बारे में ग्लोबल सिटी हॉस्पिटल दनकौर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सलमा बानो कहती हैं कि कई बार हमारी रोजमर्रा की छोटी-छोटी आदतें (Habits Causing Infertility) भी हमारी फर्टिलिटी पर बुरा असर डालती हैं। अगर समय रहते इन आदतों को न बदला जाए, तो ये इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही 5 आदतों (Lifestyle Factors Affecting Fertility) के बारे में, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती हैं।
अनियमित नींद और तनाव
आजकल की लाइफस्टाइल में नींद पूरी न होना और तनाव लेना आम बात हो गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींद की कमी और तनाव शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस पैदा करते हैं? महिलाओं में यह ओवुलेशन साइकिल को डिस्टर्ब कर सकता है, जबकि पुरुषों में स्पर्म काउंट और क्वालिटी कम हो सकती है। रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेना और मेडिटेशन या योग जैसी रिलैक्सेशन टेक्निक्स अपनाना फर्टिलिटी के लिए फायदेमंद हो सकता है
जंक फूड और अनहेल्दी डाइट
फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और शुगर से भरपूर चीजों को ज्यादा खाना शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ाता है, जो फर्टिलिटी को नुकसान पहुंचा सकता है। महिलाओं में यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) का कारण बन सकता है, जबकि पुरुषों में स्पर्म मोटिलिटी कम हो सकती है। हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, फल और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर डाइट फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी या ज्यादा एक्सरसाइज
एक्सरसाइज न करने से वजन बढ़ता है, जो इनफर्टिलिटी का एक बड़ा कारण है। वहीं, जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करना भी हार्मोन्स को प्रभावित कर सकता है। इसलिए मॉडिरेट एक्सरसाइज, जैसे योग, वॉकिंग और स्विमिंग, फर्टिलिटी के लिए बेस्ट हैं।
मोबाइल और लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल
लंबे समय तक लैपटॉप को गोद में रखकर काम करना पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी को नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि इससे टेस्टिकल्स का तापमान बढ़ता है। वहीं, महिलाओं में भी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का बुरा असर हो सकता है। इसलिए, टेक्नोलॉजी का सीमित इस्तेमाल करें और ब्रेक लेते रहें।