आई० टी० एस० डेंटल कॉलेज में बी०डी०एस० 2025 बैच के नए विद्यार्थियों का हुआ स्वागत।
आई० टी० एस० डेंटल कॉलेज में बी०डी०एस० 2025 बैच के नए विद्यार्थियों का हुआ स्वागत।
ग्रेटर नोएडा ।आईटीएस डेंटल कॉलेज, ग्रेटर नोएडा में बी०डी०एस 2025 बैच के नए विद्यार्थियों के स्वागत हेतु भव्य ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नए छात्रों का मार्गदर्शन करना, उन्हें कॉलेज की शैक्षणिक व सांस्कृति परंपराओं से परिचित कराना तथा उनके भीतर आत्मविश्वास का संचार करना था ।कार्यक्रम का शुभारंभ आई०टी०एस० – द एजूकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ० आर० पी० चड्ढा ने सरस्वती वंदना और दीप प्रज्ज्वलन कर किया जिसमें आई०टी०एस० द एजुकेशन ग्रुप के उपाध्यक्ष सोहिल चड्ढा, सचिव बी०के० अरोरा, निदेशक जन संपर्क सुरेन्द्र सूद, प्रधानाचार्य सचित आनंद अरोरा और नवप्रवेशित छात्र, अभिभावक, सभी डेंटल और मैडिकल के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ऑर्थोडॉन्टिक्स एवं डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स विभाग की वरिष्ठ प्राध्यापका तथा मौलाना आज़ाद इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज़, नई दिल्ली की पूर्व निदेशक – प्राचार्य प्रो० डॉ० तुलिका त्रिपाठी ने नवप्रवेशित छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए छात्रों को दंत चिकित्सा के क्षेत्र की गंभीरता, जिम्मेदारी और समाज में इसकी महत्ता के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि दंत चिकित्सक केवल दांतों की देखभाल करने वाला चिकित्सक नहीं होता, बल्कि वह रोगियों के संपूर्ण मौखिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।विशिष्ट अतिथि, कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एवं एंडोडॉन्टिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष, सेंटर ऑफ डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़, नई दिल्ली के प्रो० डॉ० अजय लोगानी ने छात्रों को क्लिनिकल स्किल्स, रिसर्च एवं आधुनिक तकनीकों के महत्व पर मार्गदर्शन दिया ।संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ० सचित आनंद अरोरा ने अपने स्वागत भाषण में छात्रों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा कि दंत चिकित्सा केवल चिकित्सा विज्ञान का एक अंग नहीं, बल्कि यह एक ऐसा सेवा क्षेत्र है जिसमें समाज के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने नए विद्यार्थियों को अनुशासन, समर्पण और प्ररिश्रम को जीवन का मंत्र बनाने की प्रेरणा दी। डॉ० अरोरा ने एंटी रैगिंग नीति, नैतिक चिकित्सा आचरण और पेशेवर जिम्मेदारियों पर भी चर्चा की। छात्रों को बताया गया कि कॉलेज परिसर एक सुरक्षित और सहयोगी वातारण प्रदान करता है, जहां प्रत्येक विद्यार्थी बिना किसी भय के अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। डॉ० अरोरा ने छात्रों को पाठ्यक्रम की संरचना, शिक्षण पद्धति, प्रैक्टिकल प्रशिक्षण और शोध के अवसरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि कॉलेज विद्यार्थियों के स्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्यरत है। खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों, सामुदायिक सेवा तथा तकनीकी कार्यशालाओं के माध्यम से छात्र न केवल अच्छे डॉक्टर बनते हैं, बल्कि एक जिम्मदार नागरिक के रूप में भी विकसित होते हैं। संस्थान के उपाध्यक्ष सोहिल चड्ढा, वाइस चेयरमैन, आईटीएस एजुकेशन ग्रुप ने नवप्रवेशित छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि ओरिएंटेशन प्रोग्राम केवल एक औपचारिक शुरूआत नही है, बल्कि आपके जीवन की एक नई और महत्वपूर्ण यात्रा का प्रारम्भ है। आने वाले पांच वर्ष उनके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा होंगे। यहा अर्जित ज्ञान, कौशल और मूल्य न केवल उन्हें सफल चिकित्सक बनाएंगे बल्कि समाज की सेवा करने की प्रेरण भी देंगे।