शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से नवाचार को मिली नई उड़ानः गलगोटियास विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय नवाचार प्रदर्शनी एवं बूटकैंप का आयोजन।
शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से नवाचार को मिली नई उड़ानः गलगोटियास विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय नवाचार प्रदर्शनी एवं बूटकैंप का आयोजन।
ग्रेटर नोएडा ।गलगोटियास विश्वविद्यालय में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय “राष्ट्रीय नवाचार प्रदर्शनी एवं बूटकैंप” का आयोजन हुआ। यह आयोजन न केवल तकनीकी नवाचार, रचनात्मकता और उद्यमिता के लिए एक प्रेरणादायक मंच बना, बल्कि देशभर से आए प्रतिभागियों के लिए एक शैक्षणिक यात्रा और अनुभव का केंद्र भी रहा।इस चार दिवसीय नवाचार महोत्सव में देश के 15 से अधिक राज्यों से चयनित 87 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिनमें कुल 39 अभिनव प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किए गए।
इन नवाचारों में पर्यावरण, स्वास्थ्य, ऊर्जा संरक्षण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्मार्ट टेक्नोलॉजी, ग्रामीण विकास और आधुनिक कृषि जैसे क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए। प्रत्येक स्टॉल पर छात्रों की ऊर्जा, तकनीकी दक्षता और सामाजिक प्रतिबद्धता झलक रही थी।एआईसीटीई के निदेशक (इनोवेशन) योगेश ब्रह्मणकर और सहायक निदेशक डॉ. के. एलंगोवन ने विद्यार्थियों को नवाचार को व्यावसायिक उत्पाद में बदलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि आज के स्कूली छात्र ही कल के वैज्ञानिक, स्टार्टअप संस्थापक और तकनीकी समाधानकर्ता होंगे। उन्होंने “माइंड टू मार्केट” की अवधारणा पर बल देते हुए विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे प्रयोग करने की सोच विकसित करें और विफलताओं से न डरें।
गलगोटियास विश्वविद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया ने उद्घाटन समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी में असीम संभावनाएं हैं और उन्हें सशक्त बनाने के लिए ऐसे नवाचार मंच अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि विचारशील, सृजनशील और सामाजिक रूप से जागरूक नागरिकों को तैयार करने का केंद्र बन चुका है। गलगोटियास विश्वविद्यालय नवाचार, नेतृत्व और सामाजिक उत्तरदायित्व जैसे मूल्यों को अपनी शिक्षा प्रणाली का मूल आधार मानता है।
वहीं विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि आज की शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। नवाचार, उद्यमिता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की समझ अब उच्च शिक्षा का अभिन्न अंग बन चुकी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जो उन्हें न केवल जॉब सीकर, बल्कि जॉब क्रिएटर बनाए। गलगोटियास विश्वविद्यालय छात्रों को इस दिशा में प्रेरित करने, प्रशिक्षित करने और उन्हें वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित “अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2025” में भी गलगोटियास विश्वविद्यालय की भागीदारी रही, जो कि एनईपी 2020 की 5वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित हुआ था। समागम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी, और यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा को अब नवाचार, अनुसंधान और वैश्विक प्रतिस्पर्धा से जोड़ना समय की आवश्यकता है, और एनईपी 2020 इस दिशा में निर्णायक भूमिका निभा रही है।
गलगोटियास विश्वविद्यालय ने न केवल प्रतिभागी छात्रों को नवाचार मंच प्रदान किया बल्कि ग्रेटर नोएडा व एनसीआर क्षेत्र के कई स्कूलों को आमंत्रित कर छात्रों और शिक्षकों को नवाचारों से जोड़ने का प्रयास किया। सरकारी बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पहलू (जम्मू और कश्मीर) और श्रीरामा हाई स्कूल, कल्लडका (कर्नाटक) जैसे दूरस्थ स्कूलों के छात्रों ने भी अपनी परियोजनाएँ प्रस्तुत की।
इस नवाचार महोत्सव का एक विशेष आकर्षण था छात्रों का शैक्षणिक भ्रमण, जिसमें उन्हें आईआईटी दिल्ली के शोध केंद्रों और प्रधानमंत्री संग्रहालय की यात्रा करवाई गई। इस यात्रा के दौरान छात्रों ने आधुनिक अनुसंधान सुविधाओं, प्रयोगशालाओं और नवाचारों को प्रत्यक्ष रूप से देखा। प्रधानमंत्री संग्रहालय में भारत के प्रधानमंत्रियों के योगदान और देश की विकास यात्रा से जुड़ी दुर्लभ जानकारियों ने विद्यार्थियों को प्रेरणा से भर दिया। यह भ्रमण छात्रों के लिए एक अद्भुत शैक्षणिक अनुभव रहा, जिससे उन्हें राष्ट्रीय गौरव, नेतृत्व और नवाचार की भावना को समझने में सहायता मिली। कार्यक्रम के अंत में प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह वितरित किए गए। साथ ही एक बिजनेस मेंटरिंग सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें छात्रों ने अपने विचारों को व्यावसायिक रूप देने के लिए विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया। मेंटर-मेंटी संवाद से छात्रों को अनुभव आधारित व्यावहारिक परामर्श मिला।